सिरोही में दिल दहलाने वाली घटना, कलयुगी मां ने नवजात कन्या को भीषण सर्दी में बिलखते खुले आसमां के नीचे छोड़ा

Kalyugi mother left the newborn girl crying in severe coldसिराही। हाड़ कंपकंपाने वाली सर्दी में बड़े लोग भी घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे, ऐसी भीषण सर्दी में कोई कलयुगी माता-पिता जन्म देने के बाद नवजात कन्या को ठंड से रोते-बिलखते अस्पताल परिसर में खुले आसमां के नीचे मरने के लिए छोड़ गए। मासूम अस्पताल परिसर में ठंड से बिलख रही थी। यहां तक कि अस्पताल परिसर में पालना गृह बना हुआ है, इसके बावजूद उसमें सुरक्षित रखने के बजाए पेड़ के नीचे खुले में छोड़ गए। जहां उसे नाेचने के लिए श्वान भी घूम रहे थे। गनीमत रही कि एक महिला ने समय रहते उसे बचा लिया।

यह दिल दहलाने वाली घटना सिरोही जिला मुख्यालय के राजकीय जिला अस्पताल की है। यहां शुक्रवार सुबह हाड कंपाने वाली सर्दी में किसी अज्ञात व्यक्ति ने कुछ घंटाें पहले जन्मी एक नवजात कन्या को कपड़े में लपेटकर अस्पताल परिसर में खुले आसमां के नीचे मरने के लिए लावारिश छोड़ दिया।

ठंड से कांप रही उस नवजात को नोचने के लिए श्वान कोशिश में थे कि रोने की आवाज सुनकर मौके पर पहुंची एक महिला ने उस नवजात को श्वानों का निवाला बनने से बचा लिया। बाद में सूचना पर तत्काल मौके पर पहुंचे चिकित्सकों व स्टाफ ने नवजात को तत्काल एसएनसीयू वार्ड में ले जाकर इलाज शुरू किया। जिससे उसकी जान बच सकी है।

समिति ने ली जानकारी, नवजात की स्थिति सामान्य

राजकीय चिकित्सालय के जनाना परिसर में पेड़ के नीचे परित्यक्त अवस्था में एक नवजात बालिका शिशु के मिलने की सूचना पर जिला बाल संरक्षण इकाई से सहायक निदेशक राजेन्द्र कुमार पुरोहित, बाल कल्याण समिति अध्यक्ष रतन बाफना, सदस्य प्रताप सिंह नून, सदस्य राजकीय चिकित्सालय सिरोही विशेषज्ञ, दत्तक ग्रहण एजेन्सी अधीक्षक भंवर सिंह परमार व सामाजिक कार्यकर्ता जितेन्द्र कुमार मौके पर पहुंचे और नवजात के बारे में जानकारी ली। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ सुरेश बोराना ने बताया गया कि नवजात की वर्तमान में स्थिति सामान्य है तथा बच्ची का जन्म कुछ घण्टों पहले का ही है। जिस पर इस बात की सूचना कोतवाली में भी दी गई है। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष व सदस्यों ने नवजात को देखकर चिकित्सकों को उपचार के निर्देश दिए।

आमजन से अपील, शिशुओं को पालना गृह में छोड़ें

जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक राजेन्द्र कुमार पुरोहित ने आमजन से अपील की है कि कोई भी व्यक्ति शिशुओं को इस प्रकार असुरक्षित जगह नहीं छोडे। राजकीय चिकित्सालय जनाना परिसर व राजकीय सम्प्रेक्षण एवं किशोर गृह परिसर में स्थापित पालना गृह में सुरक्षित छोडें ताकि बच्चों को किसी प्रकार का खतरा ना हो सके और ऐसे बच्चों को नया जीवन मिल सके। जिन माता-पिता के संतान नहीं है, उस परिवार में ऐसे बच्चों के जाने से उनके जीवन में भी खुशी आ सके।

इनका कहना

शुक्रवार सुबह चिकित्सालय परिसर में नवजात बच्ची की सूचना मिली थी। बच्चे की जांच करने पर बच्चे का तापमान कम था। जिस कारण बच्चे को एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कर इलाज शुरू किया गया है। अब बच्ची की हालत में सुधार है।

—डॉ. राम सिंह, बाल चिकित्सा एवं शिशु रोग विशेषज्ञ, राजकीय जिला चिकित्सालय सिरोही



Source: Sirohi News