माउंट आबू. ब्रह्माकुमारी संगठन की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके शशि बहन ने कहा कि जीवन में निंरतर खुशी बनाए रखने के लिए मन में सकारात्मक, आशावादी, शक्तिशाली व हितकारी संकल्पों को ही स्थान देना चाहिए। मन में व्यर्थ विचारों को स्थान देना भी मन को सूक्ष्म रूप से विषैले व्यसनों से ग्रसित करने के बराबर है। वे ब्रह्माकुमारी संगठन की पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी प्रकाश मणि के स्मृति दिवस पर श्रमिकों के लिए आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि जीवन में उन बीती बातों का चिन्तन नहीं करना चाहिए जो मन में कांटे की तरह चुभती हों। वर्तमान जीवन के महत्व को समझकर संकल्प शक्ति का सदुपयोग करना चाहिए। वरिष्ठ राजयोग प्रशिक्षिका बीके शीलू बहन ने कहा कि संकल्पों में दृढ़ता व अटल विश्वास ही मनुष्य को लक्ष्य की ऊंचाइयों पर ले जाने में सफल रहा है। मन की शुद्ध भावनाओं का दमन नहीं करना चाहिए। इस अवसर पर बीके रविंद्र कानाड़े, चंद्रशेखर सांगप्पा, बनारसीलाल, अशोक उपाध्याय आदि ने श्रमिकों को व्यसनों से मुक्त रहकर घर-परिवार की सही परवरिश करने व बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान देने की बात कही।
Source: Sirohi News