राजस्थान के शराब तस्कर का कारनामा, बनाई फर्जी कम्पनी, पकड़ी एक करोड़ की शराब

सिरोही जिले से होकर गुजरात शराब तस्करी को लेकर कुछ शराब तस्कर काफी समय से सक्रिय है। सिरोही जिले व गुजरात के कुछ शराब तस्कर मिलकर एक फर्जी कम्पनी बनाकर तस्करी कर रहे थे। गत दिनों गुजरात के महेसाणा जिले की लोकल क्राइम ब्रांच ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आबूरोड हाल अमीरगढ़ निवासी शराब तस्कर आशु अग्रवाल को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा किया। पुलिस ने कम्पनी की ओर से तस्करी की जा रही 1.76 करोड़ की कीमत की अंग्रेजी शराब महेसाणा जिले से पकड़ी।

महेसाणा एलसीबी के अनुसार जिले के अलग-अलग थानों में दर्ज शराब तस्करी के मामलों में करीब सप्ताहभर पूर्व गिरफ्तार आरोपी आशीष उर्फ आसु पुत्र रमेशचंद्र अग्रवाल को पुलिस रिमांड पर लिया गया था। पुलिस अधीक्षक के मार्गदर्शन में एलसीबी इंस्पेक्टर एएम वाला व उनकी टीम ने आरोपी से से पूछताछ की तो सामने आया कि आरोपी ने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर गुजरात में अंग्रेजी शराब तस्करी के लिए गोपालसिंग नामक कम्पनी बनाई थी। इसमें विनोद सिंधी 50 प्रतिशत, सुनील दर्जी 20 प्रतिशत, आनंदपालसिंह उर्फ डिक्सा 15 प्रतिशत, आशु अग्रवाल 10 प्रतिशत व लक्ष्मण 5 प्रतिशत के साझेदार थे। कम्पनी के जरिए हरियाणा, चंडीगढ़ व राजस्थान निर्मित अंग्रेजी शराब गुजरात में सप्लाई करते थे।

ये शराब सप्लाई करने के लिए सही व गलत नामों से वाहनों का पंजीयन करवाकर उन वाहनों पर फर्जी नम्बर प्लेटे लगवाकर अन्य राज्यों के चालकों से ट्रीप वाइज तय करते थे। हर बार अलग-अलग चालकों को भेजकर शराब तस्करी करवाई जाती थी। पुलिस ने कम्पनी से भेजी गई अंग्रेजी शराब की कुल 62 हजार 989 बोतल (कीमत 1 करोड़ 76 लाख, 25 हजार 801 रुपए) अवैध शराब जब्त की गई। गौरतलब हो कि मामले में शामिल आनंदपालसिंह को पूर्व में सदर पुलिस ने शराब तस्करी के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। वहीं आशु अग्रवाल का भी कई शराब तस्करी के मामलों में नाम सामने आ चुका है।

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बैंक खाते सीज
पुलिस ने आरोपी आसु अग्रवाल के बैंक खाते को सीज कर दिया है। मामले में शामिल गैंग के सभी आरोपियों की सम्पत्तियों की जांच कर प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है। अलग-अलग टीमे गठित कर अन्य आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई है।

विदेशी नम्बरों से आपस में सम्पर्क, हवाला से लेन-देन
पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि इस गैंग के सभी सदस्य अंग्रेजी शराब के धंधे के लिए आपस में जुड़े रहने व पुलिस से बचने के लिए तकनीकों का उपयोग कर डोंगल व वाइफाइ से यूके, दुबई, अफ्रीका जैसे देशों के मोबाइल नम्बर से वॉट्सएप्प इंस्टॉल कर सम्पर्क करते थे। एक दूसरे को वॉट्सएप्प कॉलिंग से ही सम्पर्क करते थे। शराब तस्करी के लिए रुपयों की लेन-देन फर्जी नामों व नम्बरों से अलग-अलग आंगडिय़ा पेढ़ी में हवाला से लेन-देन करते थे। मामले मेें पुलिस ने आगे की तफ्तीश शुरू कर दी है।



Source: Sirohi News