चौंकाने वाले रहे सरपंचों के नतीजे: प्रदेश कांग्रेस सचिव गुमानसिंह जीते, कभी एक वोट से हारने वाले देशाराम भी जीते

सिरोही। पिण्डवाड़ा और सिरोही पंचायत समिति क्षेत्र में हुए सरपंच-वार्ड पंच चुनाव के नतीजे खासे चौंकाने वाले रहे। वासा गांव के ग्राम पंचायत का सहायक की सरपंच पद पर चुना गया तो मोहब्बतनगर में पूर्व विधायक की पुत्रवधू सरपंच का चुनाव हार गई। इतना ही नहीं कालन्द्री से सरपंच का चुनाव लड़ रही सिरोही जिला महिला कांग्रेस की अध्यक्ष हेमलता शर्मा को भी हार का मुंह देखना पड़ा। हालांकि मेर मण्डवाड़ा से कांग्रेस के प्रदेश सचिव गुमानसिंह देवड़ा चुनाव जीत गए। पिछले चुनावों में कभी पाड़ीव ग्राम पंचायत से एक वोट से चुनाव हारने वाले देशाराम मेघवाल इस बार 813 वोटों के अंतर से सरपंच चुने गए।

ग्रामीणें की ‘कीका’ पर मेहरबानी
पिण्डवाड़ा पंचायत समिति के वासा ग्राम पंचायत में सहायक कर्मचारी प्रभुराम उर्म कीकाराम काफी समय से ग्राम पंचायत में पंचायत सहायक के रूप में अस्थाई रूप में कार्यरत थे। इस बार अनुसूचित जाति के लिए सरपंच का पद आरक्षित होने पर प्रभु ने चुनाव लड़ा तो वह विजयी हुआ।

पूर्व विधायक की पुत्रवधू हारीं
मोहब्बतनगर में सरपंच चुनाव में ग्रामीणों ने गजेन्द्र बाला को हरा दिया। बाला निवर्तमान में सरपंच थीं। बाला के ससुर मोहब्बतसिंह जिलाप्रमुख और विधायक रह चुके हैं। इसके अलावा इनके भतीजे महिपालसिंह भी चुनाव हार गए। यहां पर अर्जुनसिंह तंवर सरपंच बने हैं। इसके परिवार से जुड़े विक्रमसिंह सरपंच और नीतिराजसिंह प्रधान रह चुके हैं।

पूर्व उप प्रधान वार्ड पंच का चुनाव हारीं
गोयली गांव में वार्ड पंच के नतीजे चौंकाने वाले रहे। यहां ग्राम पंचायत के वार्ड 9 में पूर्व उप प्रधान रही गीता देवल चुनाव हार गई। इस वार्ड शांतिदेवी ने जीत हासिल की है।

पिता—बेटी दोनों सरपंच चुनाव में जीते
सिरोही.पंचायत समिति पिंडवाड़ा की वरली ग्राम पंचायत में गरासिया समाज के पूर्व जिला अध्यक्ष बाबू भाई गरासिया सरपंच का चुनाव जीत गए। इसी पंचायत समिति की नवगठित ग्राम पंचायत केर से इनकी बेटी मधू बे गरासिया सरपंच चुनी गई हैं। दोनों पिता—पुत्री एक साथ अलग—अलग गांवों के मुखिया बने हैं।



Source: Sirohi News