16 तारीख से शुरू होगा खरमास, एक महीने तक नहीं होंगे शुभ कार्य, जानें क्यों नहीं किये जाते शुभ कार्य

Kharmas 2023: 16 दिसम्बर शनिवार से 14 जनवरी 2024 रविवार तक खरमास रहेगा। इस दौरान शुभ कार्यों पर पाबंदी सी रहेगी। राज ज्योतिषी पंडित जनार्दन ओझा जावाल ने बताया कि शास्त्र में खरमास को अशुभ समय माना जाता है। इस दौरान सभी शुभ व मांगलिक कार्य जैसे विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, जनेऊ संस्कार आदि कार्य करना वर्जित माना है। ओझा ने बताया कि साल में दो बार खरमास आते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब सूर्य धनु व मीन राशि में प्रवेश करते हैं तो खरमास एक माह के लिए लगा रहता हैं। सूर्य एक महीने तक धनु राशि में रहेंगे।

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खरमास में क्यों नहीं होते मांगलिक कार्य
धनु बृहस्पति की राशि है। धार्मिक ग्रंथों की मान्यता है कि सूर्य देव जब भी बृहस्पति की राशि पर भ्रमण करते हैं, तो मनुष्य के लिए शुभ कार्यों के परिणामों के लिए यह अच्छा नहीं होता। सूर्य जब बृहस्पति की राशि में आते हैं तो इससे गुरु ग्रह का बल कमजोर होता है और सूर्य भी अपना तेज कम कर लेते हैं। इस दौरान सूर्य की चाल बहुत धीमी हो जाती है, मांगलिक कार्य के लिए इन दोनों ग्रहों का मजबूत होना जरुरी है। यही वजह है कि खरमास के दौरान शादी-विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, जनेऊ संस्कार आदि जैसे शुभ और मांगलिक कार्य करने पर अशुभ फल मिलते हैं। खरमास में विवाह, सगाई करना वर्जित हैं, मान्यता है कि इससे व्यक्ति को दांपत्य जीवन में कई तरह परेशानियां झेलनी पड़ती है। वैवाहिक सुख नहीं मिल पाता। इस अवधि में नए घर में प्रवेश न करें, कहते हैं इससे दोष लगता है और परिवार में अशांति रहती है। खरमास में नए व्यापार की शुरुआत नहीं करते क्योंकि इससे जीवन में संघर्ष बढ़ जाता है और सफलता मिलने की संभवानाएं कम हो जाती है। मुंडन, जनेऊ संस्कार और कान छेदन भी खरमास में वर्जित है। इससे साधक पर नकारात्मक असर पड़ता है।

 



Source: Sirohi News