शिवगंज. समीपवर्ती खेजडि़या गांव में गोवंश में फैले त्वचा रोग को पशुपालन विभाग ने लम्पी स्किन डिसीस (एलएसडी) बताया है। विभाग का दावा है कि यह संक्रामक बीमारी है जो मवेशी के एक-दूसरे के सम्पर्क में आने पर फैल जाती है। बीमारी को लेकर Òराजस्थान पत्रिकाÓ में गुरुवार को Òखेजडिया के गोवंश में फैली चिकन पॉक्स जैसी बीमारी, हो रही गोवंश की मौतÓ शीर्षक से समाचार प्रकाशित हुआ। जिस पर हरकत में आए पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक जगदीश बरबड के नेतृत्व में पांच सदस्यों की टीम सुबह ही खेजडि़या पहुंच गई। वहां सर्वे कर बीमार गोवंश का उपचार शुरू कर दिया। विभाग के अधिकारियों ने गांव की चौपाल पर पशुपालकों की बैठक लेकर इस बीमारी से भयभीत नहीं होने तथा गोवंश को बीमारी से बचाने के लिए बताए गए उपाय करने का आग्रह किया। विभाग की ओर से गांव में चार दिन तक बीमार गोवंश की जांच एवं उपचार किया जाएगा।
बीमार गोवंश के लिए सेम्पलखेजडिया गांव पहुंचे पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक जगदीश बरबड ने सर्वे के बाद बताया कि गांव के गोवंश में फैली यह बीमारी ढेलेदार त्वचा रोग (लम्पी स्कीन डिसीस-एलएसडी) है। यह संक्रामक बीमारी है, जो पॉक्सविरिडी फैमिली के वायरस से अन्य पशुओं में पॉक्स (माता) रोग के रूप में फैल जाती है। विभाग की ओर से बताए जा रहे तरीकों से पशुओं का बचाव व उपचार करने का आग्रह किया।
बीमार गोवंश के लिए सेम्पल
टीम में शामिल शिवगंज के नोडल अधिकारी डॉ. शिवलाल नोगीया, डॉ. दीपक राठौड़, कम्पाउंडर भलाराम व गणेश मीणा गोसेवक मंगल मीना के साथ गांव में घूमे। रोग से ग्रसित मिले गोवंश की जांच के लिए सेम्पल लिए। पशुपालकों को दवाइयां दी और बचाव के लिए उपाय बताए।
आज निशुल्क शिविर
गोवंश में फैली इस बीमारी की रोकथाम के लिए शुक्रवार को भामाशाह आनंदसिंह वेराजेतपुरा की ओर से सूरजपुरा गांव में निशुल्क शिविर लगाया जाएगा। जिसमें बीमार गोवंश का उपचार कर दवाइयां दी जाएगी।
Source: Sirohi News