राजस्थान में सिरोही जिले के विरोली गांव के तीन स्थलों व आरासना गांव के एक स्थल पर प्राचीन मानव सभ्यता के अवशेष मिले हैं। सेव ऑवर हेरिटेज फाउण्डेशन के डॉ विक्रम सिंह देवड़ा, डॉ कृष्णपाल सिंह देवड़ा व महिपाल सिंह उदावत ने सिरोही जिले के विरोली गांव के तीन स्थलों सहित आरासना गांव के एक स्थल पर प्राचीन मानव सभ्यता के अवशेषों को सर्वेक्षण के दौरान खोजा है।
जिसमें मुख्यतः शैल चित्रकला व मध्यकालीन भवनों के भग्नावशेष प्रमाण सामने आए हैं। शैलचित्र मुख्य रूप में मध्य पाषाण काल और ऐतिहासिक युग के है। एसओएच द्वारा पूर्व में दो शैलचित्र गुफाएं तथा अभी तीन शैलचित्रों की गुफाओं को खोजा गया है।
विरोली में एक चित्रांकन मध्यकाल का है, इन्हें गेरुए व श्वेत रंगों से बनाया गया है। विरोली में मध्यकाल के मध्यम श्रेणी के लघु दुर्ग के अवशेष प्राप्त हुए, जहां मृदभांड (काले व गेरुए रंग के), केलू, पत्थर की चट्टान में ओखली तथा ईंटे भी मिली। यहां दीवारों के अवशेषों के साथ-साथ गुप्त द्वार के अवशेष भी विद्यमान है।
राष्ट्रीय संगोष्ठी में शोधपत्र का किया वाचन
जिले की रेवदर तहसील के असावा गांव का देव क्षेत्र शिव मंदिर में स्थित शिलालेख का पठन कार्य कर उसकी तिथि अंकन विक्रम संवत 1293 ज्ञात हुई। उक्त कार्य में एस पी कॉलेज सिरोही के निदेशक डॉ आशुतोष पटनी का भी सहयोग रहा है। सिरोही में भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद के संयुक्त तत्वावधान में गौरीशंकर हीराचंद ओझा के भारतीय इतिहास में योगदान विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में सेव ऑवर हेरिटेज फाउण्डेशन के सदस्यों ने भाग लेकर अपने शोधपत्र का वाचन किया। इसमें तीनों ने शोध पत्र प्रस्तुत किए।
पत्थर माफिया पहुंचा रहे नुकसान, लगे रोक
फाउण्डेशन के डॉ विक्रम सिंह, डॉ कृष्णपाल सिंह व महिपाल सिंह ने बताया कि उपर्युक्त स्थलों को पत्थर माफिया लगातार क्षति पहुंचा रहे हैं। जिस पर अति शीघ्र रोक लगाने की आवश्यकता है।
Source: Sirohi News