बोर्ड की परीक्षा नजदीक, परीक्षा में इन बातों का रखें ख्याल, जरूर आएंगे अच्छे नंबर

सिरोही। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड व सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाएं फरवरी-मार्च में शुरू होगी। बोर्ड परीक्षाओं में सफलता प्राप्ति के लिए विद्यार्थी तो मेहनत करते हैं। उनके साथ अभिभावक भी सारे प्रयास करते हैं, जो सफलता प्राप्ति के लिए आवश्यक हैं। एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि बोर्ड परीक्षाओं में सफलता के लिए विद्यार्थियों की ओर से परीक्षा का समय होने से पहले तक कुछ विशेष प्रयास करने चाहिए। इसके साथ प्रश्न पत्र हल करते समय कुछ बातों का ख्याल रखना जरूरी है।

-सवालों का जवाब याद करते समय ध्यान रखा जाना चाहिए कि प्रश्न पत्र में सवाल कितनी तरह के आते है। जैसे वस्तुनिष्ठ-प्रश्न, केस-स्टडी बेस्ड प्रश्न, आंकिक-प्रश्न, निबंधात्मक प्रश्न आदि। इनके अंकों का भी ध्यान रखना चाहिए।

-विद्यार्थी अपनी कमजोरी को समझे तथा उन्हें दूर करने का प्रयास करें।

-विद्यार्थी प्रश्नों के उत्तर देने के लिए अपनी लेखन-शैली में आवश्यकतानुसार सुधार करें।

-प्रश्नों के सटीक उत्तर लिखें, अनावश्यक शब्दों का उपयोग नहीं करें।

-आंकिक प्रश्नों को हल करते समय सूत्रों एवं संकेतों को भली भांति लिखें। राशियों के साथ सदैव उनके मात्रक भी लिखें।

-आवश्यक चित्र भली-भांति बनाएं तथा उनका नामांकन करें। नामांकन करते समय नामांकन, शब्दों को टेढ़ा नहीं लिखें। नामांकन सीधी रेखा में करें।

– बोर्ड परीक्षा में एक ही प्रश्न के कई भाग होते हैं, जिनके अंक भाग अनुसार ही होते हैं। ऐसे में आवश्यक है कि विद्यार्थी प्रश्न को भागवार हल करें।

-किसी प्रश्न का उत्तर समाप्त होने पर उसके नीचे एक सीधी रेखा अवश्य खींचे ताकि दो प्रश्नों के उत्तर स्पष्ट अलग-अलग दिखाई दें और प्रश्न जांच से छूटे नहीं।

-प्रश्न का उत्तर गलत होने पर अनावश्यक कांटछांट नहीं करें। सिर्फ दो-तिरछी रेखाओं से उसे काट दें। कम अंतराल वाले विषयों की पुनर्रावत्ति पहले करें।

बोर्ड परीक्षा के पाठ्यक्रम को पहले अच्छी तरह समझना चाहिए। पाठ्यक्रम की सीमा रेखाओं में रहकर तैयारी करें। बोर्ड-परीक्षा में दो प्रश्न पत्रों के मध्य समय अंतराल दिया जाता है। कुछ प्रश्न पत्रों के मध्य अधिक समय अंतराल होता है तथा कुछ के मध्य कम। कम समय अंतराल वाले विषयों का रिवीजन पहले से करके रखें। बोर्ड्स की ओर से ऑफिशियल सैंपल पेपर्स जारी किए हैं। विद्यार्थियों को तैयारी सैंपल पेपर से करनी चाहिए।

सफलता के पंच-तत्व
1. परीक्षा-पैटर्न

2. अंक-वितरण

3. उत्तर-लिखने की तकनीक

4. पाठ्यक्रम की सीमाएं

5. दो प्रश्न-पत्रों के मध्य के समय-अंतराल का सदुपयोग



Source: Sirohi News