कुमार विश्वास ने ली चुटकी, बोले- हर MLA से हाथ जोड़कर मिलता हूं, क्या पता PM कब किसे CM बना दें

भारत आज विश्व का सबसे युवा देश है और यह वह भूमि है, जहां युवता के सम्मान की अदभुत संभावना है। यह भारत ही है, जहां की माताएं, बच्चे को जन्म से पहले ही अभिमन्यु की तरह भविष्य में आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार कर देती है। इस देश में शिशुता व युवता का आदर है। यहां युवा चर्चा कर सकता है, बात कर सकता है। यह बात देश के प्रख्यात कवि डॉ. कुमार विश्वास ने सिरोही में कही। मौका था खंडेलवाल छात्रावास में स्वामी विवेकानंद जयंती पर समाजसेवी प्रेमसिंह राव की ओर से आयोजित युवा शक्ति सम्मेलन का था। सम्मेलन में बड़ी संख्या में युवाओं, मातृशक्ति और विद्यार्थियों ने भाग लेकर युवा शक्ति सम्मेलन की इस मंशा को साकार रूप दिया।

समारोह में तखतगढ़ के महंत अभयराज, वोवेश्वर मठ के महंत रूपपुरी महाराज, वाण आश्रम के राजुगिरी महाराज, भजनाराम महाराज, खंदरा आश्रम के महंत रामनाथ महाराज, केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल के पुत्र रवि मेघवाल, कुलदीपसिंह पालडी, दिलीपसिंह मांडानी, बिशनसिंह देवडा अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम के दौरान अयोध्या में कार सेवा में भाग लेने वाले कारसेवकों का भी सम्मान किया गया।

कवि कुमार विश्वास ने कहा कि मैं जितने भी देशों में घुमा हूं, वहां की संस्कृतियों को देखा है। वहां 19-20 साल किसी भी युवा को वहां का धर्म, देश या संस्कृति सचेत नहीं करती है। उसको कुछ पता ही नहीं होता कि समाज के प्रति उसका क्या दायित्व है। धर्म के प्रति उसकी क्या चेतना है तथा राष्ट्र के प्रति उसकी क्या जिम्मेदारी है। यह केवल भारत है जहां जन्म से पहले ही उसका मां अभिमन्यु की तरह भविष्य में आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार कर देती है।

कुमार विश्वास ने कार्यक्रम में मौजूद माताओं से कहा कि जहां कहीं भी ज्ञान की चर्चा हो, संत का आगमन हो, प्रवचन की बात हो अपने अपने अभिमन्यु को साथ अवश्य लेकर जाएं। जगत की नींद में मत पड जाना। यदि ऐसा किया तो जिस तरह चक्रव्यूह भेदने की चर्चा के समय अभिमन्यु की मां सो गई उस तरह आपका बच्चा भी बुराइयों से बाहर नहीं आ सकेगा। इतिहास भी यहीं सिखाता है।

बच्चे सवाल पूछना शुरू करें
कुमार ने विद्यार्थियों से कहा कि वे सवाल पूछना शुरू करें। अपने गुरुजनों से अपने माता पिता से सवाल पूछे, अपने जनप्रतिनिधि से सवाल पूछे क्योंकि इसी से चरित्र का निर्माण होता है। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि जो बच्चा सवाल नहीं पूछ सकता वह राष्ट्र जागरण नहीं कर सकता।

इस मौके उन्होंने प्रेमसिंह राव परिवार की विन्रमता की सराहना की। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने धर्म सहित आध्यात्म को लेकर भी चर्चा की। साथ ही बीच बीच में अपने व्यंग्य बाणों से सभी को गुदगुदाया भी। उन्होंने सिरोही वासियों को आश्वस्त किया कि वे फरवरी माह में चार दिन के लिए इस क्षेत्र में अपने अपने राम के माध्यम से लोगों से अवश्य जुड़ेंगे।

विनम्रता जीती, अहंकार हारा
इस मौके पर कुमार विश्वास ने ओटाराम देवासी की तरफ इशारा करते हुए कहा कि आपकी विनम्रता जीती है, इसे बनाए रखना। चुनाव के दौरान आप विनम्र थे और आपका प्रतिद्वंदी को अहंकार था। इस मौके पर वे इस बात पर चुटकी लेने से नहीं चुके कि अब तो भाजपा का जो भी विधायक मिलता है वे उसे हाथ जोड़कर मिलते है, क्योंकि पता नहीं प्रधानमंत्री कब किसे मुख्यमंत्री बना दे।

संतों ने स्वामी विवेकानंद के आदर्शों पर चलने की दी सीख
समारोह को संत अभयदास महाराज, रूपपुरी महाराज, राजुगिरी महाराज, भजनाराम महाराज आदि ने संबोधित करते हुए सभी को स्वामी विवेकानंद जयंती की शुभकामनाएं देते हुए उनके बताए आदर्शों पर चलने की सीख दी। साथ ही प्रेमसिंह राव को इस भव्य आयोजन के लिए साधुवाद देते हुए आशीर्वाद दिया।

आयोजक प्रेमसिंह राव ने सभी को राष्ट्रहित में कार्य करने की शपथ दिलाई। इससे पूर्व कुमार विश्वास के सिरोही हवाई पट्टी पहुंचने पर राव परिवार की ओर से उनकी अगुवाई करते हुए स्वागत किया और कार्यक्रम में अतिथियों का भी साफा, शॉल एवं पुष्पहार पहनाकर स्वागत किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।



Source: Sirohi News