राजस्थान में श्वानों ने मासूम को नोंच नोंच कर मार डाला, तीन बहनों में था इकलोता

सिरोही। राजस्थान के सिरोही जिले में एक बार फिर से दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। जिले के आबूरोड क्षेत्र के क्यारिया गांव में घर के पास कुएं पर खेल रहे एक 6 वर्षीय मासूम बालक को आवारा श्वानों ने नोंच नोंच कर मार डाला। श्वानों के नोंचने से बालक की मौत हो गई। परिजनों के मुताबिक श्वानों ने बच्चे को कई जगह से नोंच खाया, जिससे उसने दम तोड़ दिया।
बालक की मौत के 4 दिन बाद परिजनों ने घटना की थाने में रिपोर्ट देकर नियमानुसार कार्रवाई की मांग की। पुलिस ने मर्ग दर्ज कर आवश्यक कार्यवाही शुरू कर दी है।

सदर पुलिस के अनुसार झामरफली निवासी पाबूरी पत्नी अमृत कुमार गरासिया ने रिपोर्ट दर्ज करवाई कि उसकी तीन पुत्रियां व एक पुत्र जसवंत कुमार 6 वर्ष का है। उसका परिवार क्यारिया निवासी हंसा गरासिया के पास खेतीबाड़ी करता है और वहीं रहता है। 27 जुलाई की सुबह 7 बजे करीब वह अपने पति अमृत कुमार व परिवार के साथ खेत पर कृषि कार्य में व्यस्त थी। उसका पुत्र जसवंत कुएं के पास खेल रहा था। तभी उसके पुत्र के चिल्लाने व कुत्तों के भौंकने की आवाज आई। परिजन दौड़कर मौके पर पहुंचे तो देखा कि आवारा श्वानों ने बालक को जगह-जगह से नोंच लिया। शरीर पर जगह-जगह घाव होने से उसकी मौत हो गई। घटना के बाद परिजनों ने रीति-रिवाज अनुसार उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।

सिरोही में भी हो चुकी घटना….
इलाके में आवारा श्वानों का आतंक है। इससे पहले सिरोही के जिला अस्पताल में भी श्वानों के 29 दिन के मासूम को नोंचकर मारने की घटना हो चुकी है। इसके बावजूद अभी तक आवारा श्वान कम नहीं हुए हैं। ऐसे में लोगों में डर बना रहता है। सिरोही, आबूरोड सहित लगभग सभी जगह शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में आवारा श्वान सड़कों व सार्वजनिक स्थानों पर काफी संख्या में विचरण करते नजर आते हैं। ऐसे में छोटे बच्चों को खतरा बना रहता है।

इकलौता बेटा था जसवंत….
जानकारी के मुताबिक झामरफली निवासी पाबूरी पत्नी अमृत कुमार गरासिया के तीन पुत्रियाें के बीच जसवंत इकलौता बेटा था। जसवंत 6 वर्ष का था। माता-पिता ने हाल ही करीब 20 दिन पहले ही उसका स्कूल में एडमिशन कराया था। उनको क्या पता कि उनके इकलौते बेटे को कुत्ते नोंच डालेंगे। अन्यथा वे उसे अकेला नहीं छोडते। वह हर रोज की तरह से खेल रहा था। इसी दौरान आवारा श्वानों ने हमला कर दिया, उसके चिल्लाने की आवाज सुनकर परिजन दौड़कर आए भी , लेकिन उसे बचा नहीं सके। तब तक श्वान उसे अपना निवाला बना चुके थे।



Source: Sirohi News