598 वर्ष का हुआ सिरोही, श्री शीशाजी मंदिर में पूजा अर्चना व दीपदान से स्थापना दिवस महोत्सव का भव्य आगाज

Grand opening of Siroh Foundation Day Festival with worship and lamp donation in Shree Sheeshaji Templeसिरोही. देव नगरी के नाम से विख्यात सिरोही शहर 598 वर्ष का हो गया है और इस बार 599वां स्थापना दिवस महोत्सव मनाया जा रहा है। शहर के स्थापना दिवस पर आयोजित तीन दिवसीय महोत्सव का आगाज शहर के शीशाजी मंदिर में पूजा अर्चना कर किया गया।

शहर के पैलेस रोड के पास चौधरी गली के निकट शक्ति स्थल श्री शीशा जी मंदिर में शुक्रवार शाम को पूजा अर्चना कर सिरोही शहर के स्थापना दिवस का आगाज किया गया। इस मौके पर सीएम सलाहकार एवं क्षेत्रीय विधायक संयम लोढा, नगर परिषद सभापति महेन्द्र मेवाड़ा, जिला कलक्टर डाॅ भंवर लाल, एसपी ममता गुप्ता, सीईओ डाॅ. टी शुभ मंगला, एडीएम कालूराम खौड, एसडीएम सीमा खेतान समेत गणमान्य नागरिक एवं अधिकारीगणों ने इस प्राचीन मंदिर में दीप प्रज्जवलित कर पूजा अर्चना की। यहां सुंदर रंगोली बनाई गई। काफी संख्या में लोेग शामिल हुए। बताया जाता है कि इस स्थल पर हर दशहरे पर तत्कालीन राजघराने के लोग आकर पूजा अर्चना किया करते थे।

तत्पश्चात् अतिथियों की उपस्थिति में दशहरा मैदान में दीप प्रज्वलित कर दीपदान कार्यक्रम एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस मौके पर कलाकार रेखा ठक्कर जयपुर ने कत्थक नृत्य व क्लासिकल संगीत ( ईंस्टूमेंट फ्यूजन, सूफी डांस ), प्रणय – सिरोही के इतिहास की जानकारी, जस्सू, थानू एवं छोटूखान कलाकारों एक से बढकर एक रंगारंग गीतों की मनमोहक प्रस्तुतियां देकर सभी का उत्सवाहवर्धन किया

इस मौके पर मुख्यमंत्री सलाहकार विधायक संयम लोढा ने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि हम सभी ने सिरोही की धरती पर जन्म लिया है। इससे भी अधिक प्रसन्नता यह है कि सिरोही अपना 599 वां स्थापना दिवस मना रहा है। चाहे इतिहास या वर्तमान की बात हो, सिरोही अपने आप में गौरव का विषय रहा है। पिछले साल सिरोही व शिवगंज स्थापना महोत्सव मना कर शुरू किए है। सिरोही का स्थापना दिवस आज सांय से शुरू होकर 23 अप्रेल तक मनाया जा रहा है, जिसमें विभिन्न तरह के कार्यक्रम आयोजित होंगे। विधायक ने शहरवासियों से इस महोत्सव में अधिकाधिक संख्या में शिरकत करने और इस गौरवशाली परम्परा से जुड़ने का आह्वान किया।

जिला कलक्टर डाॅ भंवर लाल ने कहा कि यह महोत्सव शहरवासियों का है, इसे उत्सव के रूप में लेकर मनाया जाए। उन्होंने महोत्सव में होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी देकर बताया कि 22 अप्रेल को प्रातः 8.30 बजे में अहिंसा सर्किल से प्रारम्भ होकर भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी, जिसमें विभिन्न कलाकारों द्वारा अलग-अलग ग्रुप्स में कार्यक्रम प्रदर्शित किए जाएंगे। इसमें विशेष तौर पर महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। 11 बजे से अरविन्द पेवेलियन में कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुति, मेहन्द्री माण्डना व रिल्स विडियोग्राफी प्रतियोगिताएं, हथियारों व सिरोही इतिहास की की प्रदर्शनी लगाई जाएगी, जो दो दिवस तक रहेगी। 11.30 बजे से अरविन्द पेवेलियन में दादा पोती दौड़, महिला वर्ग में रस्सा कस्सी, म्यूजिकल चेयर एवं मटका दौड प्रतियोगिताएं रखी गई है।
इसी दिन पृथ्वी दिवस होने पर लवकुश वाटिका में प्रातः 7 बजे विद्यार्थियों के लिए नेचर वाॅक, दोपहर 12 से 2 बजे तक विभिन्न बाल प्रतियोगिता – चित्रकला- स्केच-पेण्टिंग, प्रदर्शनी – मेजिक शो बच्चों के लिए -बोरा दौड- बेलून फाईटिंग- म्यूजिकल चेयर एवं फैंसी ड्रेस कार्यक्रम रखे गए है।

सांय 7 बजे दशहरा मैदान में सांस्कृतिक संध्या , स्थानीय प्रतिभाओं द्वारा प्रस्तुति, डेजर्ट सिम्फनी, प्रणय, सादा डांस, गणेश वंदना व विशेष डांस एवं स्वागत राठौड बाॅलीवुड संगीत कार्यक्रम होगा।
23 अप्रेल को प्रातः 7 बजे सर्किट हाउस से अरविन्द लेवेलियन तक रन फाॅर सिरोही , 9 बजे से अरविन्द पेवेलियन में विशेष आकर्षण रस्सी द्वारा डांस, गैर नृत्य प्रतियोगिता, सांस्कृतिक प्रस्तुति एवं कठपूतली प्रदर्शन, दादा पोता दौड, पुरूष वर्ग के लिए म्यूजिकल चेयर व रस्सा कस्सी, साफा प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएगी। सांय 6 बजे से दशहरा मैदान में मिस्टर एवं मिस सिरोही फेशन शो , बेस्ट कपल सिरोही एवं रात्रि 8 बजे से कवि सम्मेलन में सुप्रसिद्ध डाॅ कुमार विश्वास द्वारा काव्य पाठ किया जाएगा। तत्पश्चात् आतिशबाजी के साथ महोत्सव समापन होगा।



Source: Sirohi News