कोरोना में त्योहार पर सुरक्षा का ध्यान रख रहे दुकानदार और खरीदार

सिरोही. जान है तो जहान है… इसी तर्ज पर कोरोना ने लोगों के जीने का तरीका बदल दिया है। त्योहारी सीजन में लोग बाजार में मास्क लगाकर जा रहे हैं और सोशल डिस्टेंसिग की पालना कर रहे हैं। एक दूसरे से हाथ मिलाने का चलन भी नगण्य हो गया है। बाजार में त्योहार की खुशी है तो कोरोना का डर भी कायम है। जिले के बाजारों में कई दुकानदारों ने कोरोना से बचाव के अपने स्तर पर कई तरह के तरीके अपनाए हैं।
राजस्थान पत्रिका की ओर से प्रारंभ ‘गेट सेफ गो अभियानÓ के बाद दिवाली के मौके पर दुकानदार और सजग हुए हैं। व्यापारी अभियान की मुक्तकंठ से प्रशंसा भी कर रहे हैं। गाइड लाइन की न केवल खुद ने पालना की है बल्कि ग्राहकों से भी करवा रहे हंै। दुकानदार व व्यापारी सुरक्षा को किसी भी कीमत पर दरकिनार नहीं कर रहे हैं। ग्राहक भी वैसे जागरूक हैं लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जो गाइड लाइन भूल जाते हंै लेकिन दुकानदार याद दिला देते हैं। शॉपिंग करने आई महिलाएं कहती हंै कि मास्क लगातार लगाना अजीब सा लगता है लेकिन अभी घर से बाहर बीमारी से बचाव का यही एकमात्र सहारा है।

सुरक्षा से समझौता नहीं
सिरोही के सदर बाजार में इलेक्ट्रोनिक सामान के विक्रेता राजेन्द्र रावल ने बताया कि कोरोना काल में सरकार के सभी नियमों का पालन कर ग्राहकों को सामग्री उपलब्ध करवा रहे हैं। हर ग्राहक के हाथ पहले सेनेटाइज कर दुकान में प्रवेश दिया जा रहा है। साथ ही, मास्क पहने पर ही माल उपलब्ध करवाया जा रहा है। सदर बाजार में किराणा दुकानदार भंवरलाल ने बताया कि सुरक्षा से समझौता किसी भी कीमत पर नहीं किया। बिना मास्क आए कुछ ग्राहकों को मना भी किया है। इससे नुकसान भी उठाया है। इस कारण ग्राहक की सचेत भी हुए हैं।

जाहिर की पीड़ा
एक व्यापारी पीड़ा जाहिर करते हुए कहते हैं कि मास्क लगाने से कभी-कभार व्यावहारिक परेशानी आती है कि ग्राहक को पहचान नहीं पाते हैं। काफी देर खड़े रहने के बाद वह बोलता है, पहचाना नहीं क्या? सीसीटीवी कैमरे में भी ग्राहक के चेहरे नहीं आते हैं। इससे फर्क इतना पड़ता है कि कभी कोई अनहोनी हो जाए तब क्या करेंगे? बाजार में हर तरह के लोग घूमते हैं। इसके बावजूद सुरक्षा तो जरूरी है ही।

हाथ सेनेटाइज कर दुकान में प्रवेश
आबूरोड. कोरोना महामारी धीरे-धीरे गांव-गांव तक दस्तक दे चुकी है। ऐसे में आबूरोड शहर के मुख्य बाजार में भी कई स्थानों पर भीड़ व बिना मास्क के लोग नजर आ जाते हैं। कई व्यापारी ऐसे भी हैं जो व्यापार से अधिक कोरोना गाइड लाइन की पालना पर जोर देते हैं। इसके लिए कई बार नुकसान भी उठाना पड़ जाता है क्योंकि ग्राहक को बिना सामान दिए लौटाना पड़ता है। वर्तमान स्थिति की बात करें तो बाजार में इन दिनों दीपावली की भीड़़ होने से हमेशा मास्क लगाकर रखना व सोशल डिस्टेंस को बनाए रखना चुनौतीपूर्ण है। इसके बावजूद कई व्यापारी अपने प्रतिष्ठान पर सेनेटाइजर की व्यवस्था कर रहे हैं व नो मास्क नो एंट्री की पालना कर लोगों से मास्क पहनने की अपील कर रहे हैं।

बिना मास्क आए ग्राहकों को इनकार
सदर बाजार में शू शॉप के संचालक प्रकाश आर्य ने बताया कि कोरोना महामारी से वर्तमान में बचाव ही एक मात्र उपाय होने से ग्राहक से मास्क पहनने की अपील की जाती है ताकि सुरक्षित रहें। इसके बाद ग्राहक के हाथों को सेनेटाइज करने के बाद लेन-देन किया जाता है। गाइड लाइन की पालना करवाने में कई बार ग्राहक नाराज भी होते हैं लेकिन सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं कर सकते हैं।

मास्क ही वैक्सीन
मुख्य बाजार स्थित इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम की दुकान के संचालक रमेश वैष्णव ने बताया कि वर्तमान में मास्क ही वैक्सीन है। दुकान में नो मास्क नो एंट्री की तर्ज पर ग्राहकों से मास्क पहनने की अपील की जा रही है। कई बार ग्राहक नाराजगी भी जाहिर करते हैं। ऐसे में नुकसान भी हो जाता हैै।

ग्राहकों की राय
उधर, ग्राहकों की भी कोरोना गाइड लाइन के पालन में समस्याओं पर अपनी राय है। ग्राहक सुरेशकुमार गर्ग ने बताया कि बाजार में इन दिनों भीड़ है। ऐसे में दो गज की दूरी बना पाना मुश्किल होता है। काफी देर तक मास्क लगा पाना भी असहज होता है लेकिन कोरोना संक्रमण रोकने का एक मात्र उपाय गाइड लाइन का पालन ही है।

रेवदर में दिखी सतर्कता

रेवदर. उपखंड मुख्यालय पर दीपावली पर्व को देखते हुए व्यापारी सजग हैं। सरकारी गाइड लाइन के अनुरूप वस्तुओं का विक्रय किया जा रहा है। व्यापारियों द्वारा ग्राहकों के हाथ सेनेटाइज करने और मास्क होने पर ही सामान देने का क्रम जारी है। मिष्ठान विक्रेता रमेश नागर ने बताया कि इस बार कारोना महामारी के चलते बाजार में लोगों की चहलकदमी काफी कम है और व्यापार पर भी गहरा असर पड़ा है।



Source: Sirohi News