रेवदर में सौंफ की प्रोसेसिंग यूनिट का निर्माण शुरू, पांच सौ से अधिक लोगों को मिलेगा रोजगार

सिरोही. सबकुछ ठीक रहा तो जल्द ही क्षेत्र में पैदा होने वाली उम्दा किस्म की सौंफ के लिए प्रोसेसिंग यूनिट शुरू हो जाएगी। जिले के प्रगतिशील किसान हीरालाल चौधरी ने रेवदर में अर्बुदा एग्रो प्रोसेस कम्पनी के तहत निर्माण चालू करवाया है। मशीनरी तमिलनाडू के कोयम्बटूर के लाने की बात चल रही है। प्रोसेस हाउस में सौंफ के अलावा जीराए इसबगोल की भी ग्रेडिंग और पैकेजिंग की जाएगी। इस यूनिट से क्षेत्र के पांच सौ से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।
जैसा कि प्रगतिशील किसान हीरालाल चौधरी बताते हैं कि इस साल सौंफ की खेती करीब 5 हैक्टेयर में की थी। गुजरात में दाम सही नहीं मिलने पर खुद ही प्रोसेस हाउस लगाने की सोची और अब काम शुरू करवा दिया है। कोरोना महामारी के कारण काम कुछ धीमा चल रहा है। स्ट्रक्चर तैयार होते ही मशीनरी लाई जाएगी। प्रोसेस हाउस में सौंफए जीराए इसबगोल की भी ग्रेडिंग और पैकेजिंग की जाएगी। इसके अलावा एग्रो मूंगफली का दाना निकालना और बायोफर्टिलाइजर के कार्य होंगे। इसमें सरकार से अनुदान के प्रयास जारी है।

क्षेत्र में खुलेंगे रोजगार के द्वार
उन्होंने बताया कि प्रोसेस यूनिट शुरू होने पर करीब 500 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। हाल हीए सरकार की गाइड लाइन के अनुसार करीब सप्ताह भर पहले कृषि विपणन बोर्ड जोधपुर में सम्पर्क किया। वहां से सहयोग का भरोसा दिया है। उन्होंने प्रोजेक्ट रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट बनाने के प्रयास जारी हैं। इस दौरान कृषि विभागए कृषि विपणन व आत्मा परियोजना सिरोही में भी सम्पर्क किया। सभी जगह सकारात्मक रुख रहा। ऐसी यूनिट गांव.गांव खुले तो यहां के लोगों को रोजगार के लिए बाहर ही नहीं जाना पड़े।

अभी ये है हाल
यहां की सौंफ से गुजराती व्यापारियों के प्रतिष्ठान महक रहे हैं। किसानों से मामूली भाव पर खरीदी सौंफ गुजरात में प्रोसेसिंग और पैकिंग के बाद बाजार में ऊंचे दाम पर बेची जाती है। क्षेत्र में कृषि उपज मंडी या प्रोसेसिंग प्लांट की स्थापना नहीं होने से टैक्स के रूप में बड़ी राशि भी राज्य सरकार को नहीं मिल पाती हैै। किसानों का कहना है कि सिरोही जिले में सौंफ की खेती 325 गांवों के करीब 15 हजार किसान कर रहे हैं।

पत्रिका ने उठाया था मुद्दा
राजस्थान पत्रिका ने आबू की सौंफ के लिए कृषि उपज मंडी और प्रोसेस हाउस खोलने को लेकर 21 जून से लगातार समाचार का प्रकाशन कर मुद्दा उठाया। इसके सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे हैं। हीरालाल चौधरी की तरह अन्य उद्यमियों ने भी आगे आने का फैसला किया है।

वरदान साबित होगी यूनिटण्ण्ण्
सिरोही के लिए यह यूनिट वरदान साबित होगी। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। हीरालाल चौधरी जैसे प्रगतिशील किसान आगे आएंगे तो अधिकाधिक अन्य किसान भी लाभान्वित होंगे और ग्रामीणों को रोजगार मिलेगा।
डॉ. प्रकाश कुमार गुप्ताए परियोजना निदेशक आत्मा



Source: Sirohi News