देवनगरी में कभी मेहकती थी फूलों की खुशबू, आज छाई है वीरानी …

भरत कुमार प्रजापत

सिरोही. देवनगरी में कभी चहुंओर फैलती थी फूलों की खुशबू, आज छाई है वीरानी … यह बात जिले में फूलों की खेती करने वाले किसानों के लिए सही साबित हो रही है। यहां धार्मिक कार्यक्रम और त्योहार धूमधाम से मनाए जाते हैं लेकिन इस बार कोरोना की मार ने इन किसानों को मायूस कर दिया।
पिछले डेढ़ महीने से कोई कार्यक्रम नहीं हो रहे हैं। ऐसे में फूल की खेती करने वाले किसान मायूस हंै। लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है। किसानों ने बताया कि अप्रेल-मई में शादियां, मंदिरों की प्राण-प्रतिष्ठा, मेले समेत अन्य धार्मिक कार्यक्रम अधिक होने से फूलों की मांग रहती है लेकिन इस बार कोई कार्यक्रम नहीं होने से फसल खराब हो रही है। फूलों को तोड़कर फेंकना पड़ रहा है।

यूं जताई व्यथा…

सिंदरथ के दुर्गेश माली ने बताया कि इस साल करीब 15 बीघा में गुलाब, एक हैक्टेयर में नवरंगा के पौधे, एक एकड़ में गैंदा व एक एकड़ में अन्य फूलों की खेती की थी लेकिन लॉक डाउन से फूल खराब हो गए। फूलों को तोड़कर खेतों में फेंकने को मजबूर हैं। माली ने बताया कि हर साल जावाल, सिरोही, कालन्द्री, आबूरोड, पिण्डवाड़ा, मंडार समेत अन्य शहरों में माल भेजा जाता है लेकिन इस बार लॉक डाउन की मार पड़ी है।

सिरोही के ललित कुमार माली ने बताया कि इस बार 6-7 बीघा में फूलों की खेती की थी। बिक्री नहीं होने के कारण फूल खराब हो रहे हैं। लाखों रुपए का नुकसान हुआ है।

सिरोही के लसाराम ने बताया कि इस बार चार बीघा में फूलों की खेती की थी लेकिन लॉक डाउन में माल नहीं बिकने से फूल खराब हो रहे हंै। गुलाब, नवरंगा के फूलों की खेती कर रखी थी।

दीपक ने बताया कि 7 से 8 बीघा में फूलों की खेती कर रखी थी। अब सारे फूल खराब हो रहे है। सिरोही मंडी व खुद की दुकान पर माल बेचते हंै।



Source: Sirohi News