सिरोही. जिले में बीते एक साल में छोटे से लेकर गंभीर अपराधों में 18 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। जिले के सभी 16 थाना क्षेत्रों में 2018 में 3017 मामले दर्ज किए गए जबकि 2019 में यह आंकड़ा बढ़कर 3563 तक पहुंच गया यानी एक साल में 546 मामले अधिक दर्ज किए गए। इनमें हत्या, लूट और बलात्कार सरीखे गंभीर मामले भी शामिल हैं। बलात्कार के मामलों में एक साल में करीब 50 फीसदी इजाफा हुआ है। आदिवासी क्षेत्रों में मामले ज्यादा सामने आए हैं।
हत्या सरीखे गंभीर मामलों में भी कुछ इजाफा हुआ है। साल 2018 में हत्या के 31 मामले दर्ज किए गए जबकि 2019 में यह आंकड़ा 33 तक पहुुंचा। हालांकि एसपी कल्याणमल मीना ने तर्क दिया कि 2019 में जो हत्या के 33 मामले दर्ज किए, उनमें से 15 मामलों में एफआर दी गई यानी जांच में हत्या सरीखे गंभीर अपराध के 15 मामले झूठे पाए गए। एसपी ने हत्या के अनट्रेस रहे आठ मामलों को ट्रेस आउट करने की उपलब्धि भी गिनाई लेकिन इस बारे में खुलकर नहीं बताया कि हत्या सरीखे गंभीर अपराध के 47 फीसदी मामले झूठे कैसे पाए गए? उन्होंने इतना जरूर कहा कि मौत के मामले में परिवादी की ओर से रिपोर्ट देने पर हत्या की धारा जोडऩी पड़ती है लेकिन बाद में जांच में वह झूठी पाई जाती है।
बलात्कार सरीखे गंभीर मामलों में एक साल में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। साल 2018 में बलात्कार के 57 मामले सामने आए थे लेकिन 2019 में यह आंकड़ा बढ़कर 85 तक पहुंच गया यानी करीब पचास फीसदी वृद्धि दर्ज की गई। जिले के सरूपगंज थाना क्षेत्र के एक गांव में 2008 में घटित सामूहिक गैंग रेप के बाद चौदह साल की नाबालिग की हत्या का मामला अब भी अनसुलझा है। आदिवासी परिवार की इस ‘निर्भयाÓ के परिजनों को न्याय का इंतजार है लेकिन पुलिस ने आरोपियों का पता नहीं लगने पर घटना के दो साल बाद ही 2010 में फाइल बंद कर दी थी। जिले में ऐसे ही दो मामले और हैं जो फाइलों में दफन हैं। सवाल यह है कि देश में जहां ऐसे मामलों में फांसी की सजा दी जा रही है वहीं जिले में खुले घूम रहे यह दरिंदे कभी सलाखों में आ पाएंगे? बलात्कार के बढ़ते मामलों को लेकर एसपी मीना ने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में जागरूकता को लेकर काम किया जा रहा है। उनकी कोशिश रहेगी कि पुराने से पुराने मामले का राजफाश हो। उधर, महिला अत्याचार के मामलों में करीब 49 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई है लेकिन जांच के बाद इनमें से 50 प्रतिशत मामले झूठे पाए गए।
2 जनवरी 2020 को जारी आंकड़े: निरन्तर
बढ़ रहे हादसे
जिले में सड़क दुर्घटनाओं में आए साल बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। 2018 में 378 सड़क हादसे हुए और करीब दो सौ लोगों की मौतें हुईं जबकि 2019 में दुर्घटनाओं का आंकड़ा बढ़कर 404 पर पहुंच गया। इनमें 259 जनों की मौत हुई और 521 जने घायल हुए। अधिकांश हादसे दुपहिया वाहनों से हुए।
आंकड़ों पर नजर
मामले 2018 2019
हत्या 31 33
लूट 11 22
अपहरण 68 82
बलात्कार 57 85
नकबजनी 76 82
चोरी 191 264
पुलिस अधीक्षक फिर बोले-दुर्घटनाओं में कमी लाएंगे
सिरोही. पुलिस अधीक्षक कल्याणमल मीना ने फिर दोहराया कि सड़क दुर्घटओं में कमी लाना प्राथमिकता रहेगी। इसके लिए ठोस प्रयास किए जाएंगे।उन्होंने गुरुवार को यहां पत्रकारों को बताया कि सड़क हादसों में होने वाली मौतों में कमी लाने को लेकर प्रभावी कदम उठाए जाएंगे। महिलाओं, बच्चों व कमजोर वर्गों के विरुद्ध अपराध का त्वरित अनुसंधान और प्रभावी नियंत्रण पर फोकस किया जाएगा। जघन्य और संगठित अपराधों की रोकथाम और त्वरित अनुसंधान के प्रयास किए जाएंगे। जिले में विभिन्न के्रडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों के विरुद्ध दर्ज प्रकरणों का त्वरित निस्तारण करने पर बल दिया जाएगा। मीना ने कहा कि सिरोही जिला ऐसा है जहां विभिन्न क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों के खिलाफ बड़ी संख्या में मामले दर्ज हैं। इस दौरान पुलिस उप अधीक्षक मदनङ्क्षसह चौहान (एससी-एसटी), अंकित जैन और कोतवाली प्रभारी बुद्धाराम विश्नोई मौजूद रहे।
5 जुलाई 2019 को यह कहा था
यह वह तारीख है जिस दिन एसपी कल्याणमल मीना ने ‘पत्रिकाÓ से बातचीत में कहा था कि सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाना उनकी प्राथमिकता में रहेगा। आए दिन शराब पीकर वाहन चलाने से हादसे बढ़ रहे हैं। वाहन चलाते समय मोबाइल से भी दूर रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि दुर्घटना की रोकथाम को लेकर एक मुहिम चला रहे हैं और आने वाले छह महीनों में इसका असर भी दिखेगा।
14 सितम्बर 2019 को फिर दोहराया
जिला मुख्यालय पर जिले के पुलिस अधिकारियों की क्राइम मीटिंग में एसपी ने कहा था कि हमने दुर्घटनाओं की रोकथाम को लेकर सार्थक पहल शुरू की है और इसका नतीजा लगातार मिल रहा है। दुर्घटनाओं की संख्या में कमी लाई जा रही है।
&यह सही है 2018 की तुलना में 2019 में अपराध बढ़े हैं। यह बढ़ोतरी इस बात की ***** है कि अब थाने में आने वाले हर परिवादी की रिपोर्ट दर्ज की जा रही है। यदि कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं करता है तो एसपी ऑफिस में इसकी शिकायत की जा सकती है। गंभीर अपराध के मामलों में भी हाथों हाथ कार्रवाई की जा रही है। जिले में हत्या के सभी प्रकरण ट्रेस आउट कर दिए गए हैं।
-कल्याणमल मीना, पुलिस अधीक्षक, सिरोही
Source: Sirohi News