रिश्वत के खेल में ट्रिपल 4 का अंक!, 4 नम्बर कमरे में मांगी थी 4 लाख की रिश्वत और 40 हजार की घूस लेते धरा गया

सिरोही. जिला रसद अधिकारी मोहनलाल देव ने सर्किट हाउस के कमरा नम्बर 4 में ही लाइसेंस निलम्बित करने की धमकी देकर 4 लाख की रिश्वत मांगी थी। रिश्वत के रूप में पहली किस्त के 40 हजार रुपए भी 4 नम्बर कमरे में लिए। यह अजब संयोग रहा कि कमरे से लेकर रिश्वत मांगने और देने के मामले में तीन बार 4 का अंक रहा।देव ने 16 सितम्बर को सर्किट हाउस में कमरा बुक करवाया और उसमें रहने लगे। ये 16 सितम्बर से 30 सितम्बर तक 15 दिन सर्किट हाउस में रुके और फिर कमरा खाली कर दिया। फिर दुबारा 9 अक्टूबर को कमरा नम्बर 4 में ठहरे और उसके बाद से निरन्तर आठ दिन से इसी कमरे में रुके हुए थे। यहीं से ऑफिस जाते और आते।

अब कमरा नम्बर 4 ताले में
एसीबी की कार्रवाई के बाद फिलहाल कमरा नम्बर चार के दरवाजे पर ताला लगा दिया गया है। खास बात यह है कि इसी कमरे में आरोपी ठहरा हुआ था और एसीबी टीम ने रिश्वत लेते इसी कमरे में पकड़ा था। बताया जाता है कि कमरे में आरोपी का सामान वगैरह है।

अफसरों के रुकने पर यह नियम-कायदे
सरकारी यात्रा पर होने पर सर्किट हाउस में 6600 पे-ग्रेड वाला अफसर अधिकतम लगातार 7 दिन तक रुक सकता है और महीने में अधिकतम 10 दिन तक। इस पे-ग्रेड में आइएएस, आइपीएस और आइएफएस सरीखे अफसर आते हैं। स्थानांतरण पर आने पर ऐसे अफसर अधिकतम 30 दिन रुक सकते हैं। सवाल यह है कि रसद अधिकारी इस पे-ग्रेड में आते हैं या नहीं? यदि नहीं तो इनके रुकने पर भी सवाल उठ रहे हैं।

रात में जमाई फिल्डिंग और सुबह डीएसओ को दबोचा
सिरोही. एसीबी टीम ने जिला रसद अधिकारी को ट्रेप करने के लिए बुधवार रात को ही फिल्डिंग जमा ली थी। इसके लिए अधिकारी के कमरे से लेकर उनकी दिनचर्या तक का पूरा पता लगा लिया था। पकडऩे से पहले की गई तैयारी की सर्किट के कार्मिकों तक को भनक नहीं लग पाई। जालोर एसीबी के उप अधीक्षक अन्नराज सिंह राजपुरोहित ने बताया कि टीम के सदस्यों ने रात में ही ट्रेप की पूरी तैयारी कर ली थी। जैसे डीएसओ कितने बजे सर्किट हाउस आते हैं और कब बाहर निकलते हैं। उनकी पूरी गतिविधियों का पहले से ही पता लगा लिया था। इसलिए ट्रेप की कार्रवाई में ज्यादा दिक्कत नहीं आई। गुरुवार सुबह करीब सात बजे घूमकर जैसे ही डीएसओ वापस सर्किट हाउस पहुंचे तो उन्हें रिश्वत थमाते ही पकड़ लिया। सर्किट हाउस के कार्मिक बताते हैं कि एसीबी की कार्रवाई इतनी गोपनीय तरीके से की गई कि किसी को भनक तक नहीं लगी। जब बाहर गाडिय़ों का काफिला आया तो समझ ही नहीं पाए कि क्या हो रहा? बाद में पता चला कि डीएसओ को ट्रेप किया गया है।

ऐसे बनाया था दबाव…
रसद अधिकारी मोहनलाल देव ने सिरोही में ज्वाइन करते ही जिले के दो राशन डीलरों के लाइसेंस निरस्त कर दिए। ऐसे में अन्य राशन डीलर भी डर गए। एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नारायण सिंह बताते हैं कि लाइसेंस बहाल करने के लिए भी देव ने पहले दोनों डीलरों से 25-25 हजार रुपए लिए थे। इससे दूसरे राशन डीलरों में डर बैठ गया और उन्होंने विक्रेता नियोजक संघ के अध्यक्ष मुकेश अग्रवाल से बात की। अग्रवाल फिर डीएसओ से मिले तो उन्होंने 400 डीलरों से एक-एक हजार रुपए रिश्वत के रूप मांगे। कहा कि सभी चार लाख रुपए ले आओ… तो मैं किसी को तंग नहीं करूंगा और न ही किसी के खिलाफ कार्रवाई करूंगा। इस पर एसीबी को शिकायत की गई।

झुंझुनूं में 17 सीसीए की कार्रवाई
इस साल अप्रेल में झुंझुनूं के जिला निर्वाचन अधिकारी रवि जैन ने लोकसभा चुनाव में प्रशिक्षण कार्य के दौरान कार्मिकों को समय पर भोजन उपलब्ध नहीं करवाने और गुणवत्ता अच्छी नहीं होने पर रसद प्रकोष्ठ प्रभारी मोहनलाल देव को 17 सीसीए की चार्जशीट देने के निर्देश दिए थे।



Source: Sirohi News