डाइट डिटेक्टिव डॉट कॉम और हंटर कॉलेज, न्यूयॉर्क सिटी फूड पॉलिसी सेंटर, यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयॉर्क की ओर से हाल ही में जारी किए गए 2019 के एयरलाइन वॉटर स्टडी सर्वे के निष्कर्ष जारी किए गए हैं। सर्वे के अनुसार, कई एयरलाइनों में यात्रियों को पीने के लिए दिया जाने वाला पानी संभवत: दूषित होता है। इस अध्ययन में सात महीने का समय लगा जिसमें 11 प्रमुख और 12 क्षेत्रीय एयरलाइनों के जहाजों पर यात्रियों को दिए जाने वाले पानी की गुणवत्ता की जांच की गई। पानी की गुणवत्ता और स्वच्छता के पैमाने पर इन एयरलाइंस को क्रमानुसार स्थान दिया गया।
इन कसौटियों पर परखा
डाइट डिटेक्टिव डॉट कॉम और हंटर कॉलेज फूड पॉलिसी सेंटर के सर्वे 2019 के एयरलाइन वॉटर स्टडी के लिए सेंटर के निदेशक प्लेटकिन ने पर्यावरण संरक्षण एजेंसी से आंकड़ों का विश्लेषण किया था। उन्होंने 10 मानदंडों पर अध्ययन किया जिसमें एयरलाइंस की कोलीफोर्म पानी के नमूने की रिपोर्ट, कंपनी के बेड़ में शामिल जहाजों की संख्या और सरकार के निर्धारित विमान पेयजल नियम जैसी 10 कसौटियां शामिल थे। अध्ययन के अनुसार शोधकर्ताओं का सुझाव है कि हवाई सफर के दौरान प्लेन में मिलने वाले पानी, चाय या कॉफी जैसे पेय पीने से बचें खासकर अगर ये सीलबंद नहीं है तो। ऐसे ही शौचालय में हाथ धोने की बजाय सैनिटाइजऱ का उपयोग करें।
जेटब्लू और स्पिरिट सबसे खराब
सर्वे के परिणामों में प्रमुख एयरलाइंस सेवा प्रदाता कंपनियों में अलास्का एयरलाइंस और एलीगेंट में पैमाने पर 3.3 के साथ सर्वे में शुमार सभी प्रमुख एयरलाइनों में पानी की गुणवता का स्तर सर्वश्रेष्ठ था। जबकि जेटब्लू और स्पिरिट एयरलाइंस 0 से 5 के पैमाने पर १ अंक के साथ सबसे खराब गुणवत्ता का पानी अपने ग्राहकों को दे रहे थे।
वहीं क्षेत्रीय एयरलाइंस में पीडमोंट एयरलाइंस को छोड़कर सभी एयरलाइंस में पीने के पानी की गुणवत्ता का स्तर खराब था। पीडमोंट ने 4.33 अंक के साथ जहां अपनी श्रेष्ठता साबित की वहीं रिपब्लिक एयरवेज 0.44 स्कोर के साथ अंतिम स्थान पर आया।
नियम क्या कहते हैं
ज्यादातर देशों में हवाई सफर के दौरान पीने के पानी के लिए नियम बनाए हुए हैं। अमरीका की बात करें तो 2011 में अमरीकी सरकार ने यह नियम लागू किया था कि जहाज के सफर के दौरान यात्रियों और क्रू मेंबर को पीने के लिए शुद्ध पानी उपलब्ध करवाया जाए। नियम यह भी कहता है कि शौचालय में पानी, गैली नल और पीने के फव्वारे मानव उपभोग के लिए सुरक्षित होने चाहिए। पीने, स्नान करने, दांतों को ब्रश करने और हाथ धोने के लिए भी यह मापदंड लागू होते हैं। अध्ययन किए गए अधिकांश एयरलाइनों ने 2012 और 2019 के बीच जो पानी अपने ग्राहकों को पीने के लिए दिया था वह स्वच्छता एवं सुरक्षा मानकों पर खरा नहीं उतरा। यानि उस पानी को पीने वाले यात्री के लिए यह हानिकारक हो सकते हैं। 2019 एयरलाइन वाटर स्टडी ने यह भी पाया कि जब इन घटिया सेवाओं के लिए इन्हें कभी जुर्माना लगाया जाए या दण्डित किया जाता है तो कंपनियां शायद ही कभी इसके लिए तैयार होती हैं।
Source: Travel News