आबूरोड. शहर के डाकबंगले में गुरुवार को हुई सिरोही विधायक संयम लोढ़ा की जनसुनवाई के दौरान कांग्रेस की आपसी फूट खुलकर सामने आई। विधायक संयम लोढ़ा और नीरज डांगी समर्थकों में हाथापाई की नौबत बनते-बनते रह गई। एक गुट ने लोढ़ा पर विभिन्न आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया तो वहीं दूसरे गुट के भी कार्यकर्ताओं के विरोध करने पर पुलिस ने नगर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को तहसील कार्यालय की तरफ खदेड़ा। वहीं लोढ़ा समर्थक भी पीछे दौडऩे लगे। करीब दो घंटे तक चले नाटकीय घटनाक्रम के बाद रीको थानाधिकारी चम्पाराम व शहर उप निरीक्षक सरिता विश्नोई ने मौके पर पहुंचकर कार्यकर्ताओं से घटना की जानकारी लेते हुए मामले को शांत करने का प्रयास किया।
गुरुवार को डाकबंगले में सिरोही विधायक संयम लोढ़ा जनसुनवाई के दौरान लोगों की समस्याएं सुन रहे थे। तभी दोपहर करीब साढ़े बारह बजे नगर कांग्रेस अध्यक्ष अमित जोशी की अगुवाई में नीरज डांगी समर्थक कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए बैनर व तख्तियां लेकर डाकबंगले के आगे लोढ़ा के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। जिस पर जनसुनवाई में मौजूद पूर्व नेता प्रतिपक्ष नरगिस कायमखानी, पार्षद कांति परिहार, आबेदा बेगम, अब्बासी श्मशाद अली समेत कई लोढ़ा समर्थक विधायक के समर्थन में और नगर कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। इस दौरान कार्यकर्ताओं के आमने सामने होने से हाथापाई की नौबत बन गई। पुलिस ने मौके की नजाकत को देखते हुए एक गुट को तहसील कार्यालय की तरफ खदेड़ा। जिस पर दूसरा गुट भी उनके पीछे दौडऩे लगा। ऐसे में पुलिसकर्मियों ने सभी को तहसील कार्यालय का गेट बंद कर रोक लिया। वहीं नगर अध्यक्ष की अगुवाई में कार्यकर्ता तहसील परिसर में नारेबाजी करते हुए तहसीलदार को मुख्यमंत्री के नाम से ज्ञापन देने पहुंचे। लोढ़ा समर्थकों के तहसील कार्यालय परिसर में पहुंचने पर नगर अध्यक्ष को तहसील कार्यालय में ही रोक लिया गया। इस दौरान लोढ़ा समर्थकों ने धरना प्रदर्शन करते हुए नगर अध्यक्ष पर बिना अनुमति रैली निकालने समेत कई आरोप लगाकर गिरफ्तारी की मांग की। सूचना पर पुलिस का अतिरिक्त जाप्ता व आरएसी मौके पर पहुंची। वहीं रीको थानाधिकारी व शहर उप निरीक्षक मौके पर पहुंचे। जिस पर पूर्व पालिका नेता प्रतिपक्ष ने मामले से पुलिस अधिकारियों को अवगत करवाते हुए मामला दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग की।
शांतिपूर्ण जनसुनवाई में व्यवधान का आरोप
सिरोही विधायक संयम लोढा के समर्थकों का कहना था कि एक दिन पूर्व हुई जनसुनवाई में कोई व्यवधान उत्पन्न नहीं किया गया था लेकिन डांगी समर्थकों ने शांतिपूर्ण जनसुनवाई में विरोध प्रदर्शन कर व्यवधान डालने का प्रयास किया है। उनका कहना था कि जब उन्होंने रोकने का प्रयास किया तो उन पर हमला करने का प्रयास किया गया। तहसील कार्यालय में लोढ़ा समर्थकों ने जोशी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। रीको थाना प्रभारी ने लोढा सर्मथकों से समझाइश कर सभी को तहसील से डाक बंगले की ओर रवाना किया। वहीं पुलिस के नगर अध्यक्ष को तहसील कार्यालय से ले जाने की सूचना मिलने पर पुन: लोढ़ा समर्थक पीछे दौड़ पड़े। जिस पर पुलिस जोशी को लेकर कोर्ट रोड से होकर उनके कार्यालय छोड़़ दिया। लोढ़ा समर्थक नगर पालिका रोड होते हुए गांधीपार्क चौराहे की तरफ दौड़े । जिस पर पुलिस बल भी पीछे दौड़ा और भीड़ को वहीं रोक दिया गया। जिस पर कार्यकर्ता पुन: डाकबंगले चल दिए।
दोनों पक्षों की ओर से मारपीट के परस्पर मामले दर्ज
शहर थाने में दोनों पक्षों की ओर से मारपीट व लज्जा भंग के परस्पर मामले दर्ज करवाए गए हैं। ईदगाह रोड निवासी पार्षद आबेदा बेगम ने रिपोर्ट दी कि वह व उनका पुत्र आबिद जनसुनवाई में जा रहे थे तभी अमित जोशी रैली के रूप में आए व उनके पुत्र आबिद से मारपीट की। जिस पर उन्होंने छुड़वाने की कोशिश की, तो उनका दुपट्टा खींचा व धक्का देकर नीचे गिरा दिया। जिस पर बीच-बचाव कर रहे कांति परिहार को जातिसूचक शब्दों से अपमानित किया। उधर, विवाद में दूसरे पक्ष की रिपोर्ट पर पांच जनों के खिलाफ लज्जा भंग और मारपीट का मामला दर्ज किया गया है। पालिका में नेता प्रतिपक्ष टीएफआई कॉलोनी निवासी जयप्रकाशसिंह ने रिपोर्ट देकर शिवशंकर, कांतिलाल परिहार, शमशाद अली, आबिद व आबेदा बेगम के खिलाफ मारपीट, पत्नी की लज्जा भंग, उनके साथी सुरेंद्र छाबड़ा व किरण कुमार को जाति ***** शब्दों से अपमानित करने का प्रकरण दर्ज करवाया है।
ये लगाए आरोप
नगर अध्यक्ष ने विधायक पर भ्रष्टाचार के आरोपियों के लिए दोहरा मापदंड अपनाने, दूसरे विधानसभा क्षेत्र में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। ज्ञापन में बताया कि एक तरफ सिरोही के निर्दलीय विधायक भ्रष्टाचार के मामले में सिरोही नगर परिषद के सभापति के खिलाफ आवाज उठाते हैं लेकिन आबूरोड पालिकाध्यक्ष के खिलाफ चल रही जांच को लेकर चुप हंै। जिला चिकित्सालय के मुद्दों को विधानसभा में उठाया जाता है, लेकिन आबूरोड में सरकारी अस्पताल में चिकित्सकों की कमी को लेकर आवाज नहीं उठाई गई। अन्य आरोप भी लगाए।
माहौल बिगड़ता देख और बुलाए पुलिसकर्मी
जहां जनसुनवाई शुरू होने पर पुलिस के कुछ पुलिसकर्मी ही मौके पर तैनात थे, लेकिन जैसे ही पुलिस को विरोध का पता लगा अतिरिक्त जाप्ता बुलाया गया। महिला कार्यकर्ताओं को काबू करने के लिए एक ही महिला कांस्टेबल होने से पुलिस को खासी मशक्कत का सामना करना पड़ा। बाद में अतिरिक्त जाब्ता पहुंचने पर भीड़ को काबू किया जा सका। विरोध प्रदर्शन के बाद चप्पे-चप्पे पर पुलिसकर्मी तैनात हो गए। वहीं जन सुनवाई के बाद पुलिस की मौजूदगी में विधायक लोढ़ा को डाकबंगले से ले जाया गया।
विरोध की मुझे जानकारी नहीं …
मैं जनसुनवाई में लोगों की समस्याएं सुन रहा था। क्षेत्र में बड़ी खराब स्थिति है। विधवा महिलाओं के आवेदन करने के बावजूद पेंशन नहीं मिल रही है। कई महिलाओं व लाभार्थियों की पेंशन बंद पड़ी है। अराजकता की स्थिति है। विरोध होने की मुझे जानकारी नहीं है। मैंने पांच घंटे बैठकर लोगों की समस्या सुना।
– संयम लोढ़ा, विधायक, सिरोही
हां, मुझे जानकारी मिली है कि कोई जनसुनवाई के दौरान विरोध हुआ है। वैसे सिरोही विधायक के आबूरोड में जनसुनवाई करने का प्रश्न ही नहीं है। जब स्थानीय समस्याओं का निराकरण विधायक नहीं करें तो जनसुनवाई की जाती है। कांग्रेस सरकार में कार्य हो रहे हैं। वैसे कार्यकर्ताओं को आपस में इस प्रकार आमने सामने होना एक अच्छा संदेश नहीं है। वैसे नगर कांग्रेस के कार्यकर्ता शांतिपूर्ण तरीके से ज्ञापन देने जा रहे थे, तभी अन्य लोगों ने माहौल खराब करने का प्रयास किया।
– नीरज डांगी, प्रदेश महासचिव, कांग्रेस कमेटी राजस्थान
Source: Sirohi News