सिरोही/पिण्डवाड़ा. पिण्डवाड़ा में इंसानियत और बाप-बेटे के रिश्ते को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है। पिता ने बेटे की सिर्फ इसलिए सुपारी देकर हत्या करवा दी क्योंकि दोनों के बीच अनबन चल रही थी। फिलहाल पुलिस ने मंगलवार को आरोपी पिता समेत पांच जनों को गिरफ्तार किया है। पुलिस महानिरीक्षक सचिन मित्तल ने पिण्डवाड़ा में संवाददाता सम्मेलन कर पंकज सुथार की हत्या के मामले का खुलासा किया। इस दौरान पुलिस अधीक्षक कल्याणमल मीना भी मौजूद थे। प्रवीण कुमार सुथार ने पूछताछ में माना कि रोहिड़ा थाना क्षेत्र में हत्या कर डाला अधजला शव बेटे पंकज सुथार का था। उसने एक लाख 25 हजार रुपए की सुपारी देकर पंकज की हत्या करवाई है। मित्तल ने बताया कि पिता-पुत्र के बीच काफी समय से अनबन चल रही थी। बेटे ने पिता को दो-तीन बार गला दबाकर धमकाया था। पूछताछ से पता चलेगा कि आखिरकार बेटे की हत्या क्यों करवानी पड़ी?
पुलिस को किया गुमराह
पंकज की हत्या की साजिश खुद पिता ने ही की। पंकज सिरोही की ट्रावेल्स एजेंसी में कार्य करता था। वह रोज शाम को उसी बस में पिण्डवाड़ा आता था, लेकिन उस दिन थोड़ी देर होने पर पिता को फोन कर दिया, इसके बाद वह गायब हो गया था। पिता ने सिरोही कोतवाली थाने में गुमशुदगी भी दर्ज करवाई थी। दो दिन बाद पंकज का शव रोहिड़ा एवं पिण्डवाड़ा थाने की सरहद पर अधजला मिला था। मामले के राजफाश को लेकर धरना-प्रदर्शन के दौरान पिता आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहा था।
लोगों ने सामने राजफाश की मांग
जैसे ही पंकज की हत्या के आरोपियों की गिरफ्तारी की खबर नगर में फैली, थाने के बाहर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। लोगों ने पुलिस से कहा कि सभी के सामने हत्या का मामला खोलना चाहिए।
ऐसे दिया साजिश को अंजाम
पंकज के पिता प्रवीण सुथार और रोहिड़ा निवासी कांतिलाल माली की 18 जनवरी को मुलाकात हुई थी। इसमें पंकज को मारने की साजिश बनाई थी। प्रवीण ने आरोपी कांतिलाल को एक लाख 25 हजार रुपए देने की बात कही। रतोड़ा फली निवासी पप्पूराम गरासिया, उपलागढ़ निवासी शम्भुराम गरासिया, सरीयाफली पाबा निवासी नोकाराम गरासिया एवं रमेश गरासिया को साजिश के तहत वोलकेम तिराहे बुलाया। 21 जनवरी की शाम साढ़े छह बजे पंकज को जनापुर चौराहे पर उतरा। प्रवीण कुमार ने जीप से आए इन चारों जनों को जनापुर चौराहे बुलाया।
प्रवीण ने पंकज को जीप में बैठने को कहा। प्रवीण आगे वाली सीट पर बैठ गया तथा पंकज को पीछे बिठाया। जीप उदयपुर मार्ग पर लेकर गए तथा कांटल मार्ग पर प्रवीण सुथार रास्ते में उतर गया तथा सीट पर 50 हजार रुपए रखकर कांतिलाल को बोला की इसको मार देना, यह बचना नहीं चाहिए। अगर बच गया तो यह मुझे मरवा देगा। सभी जने पंकज को लेकर रवाना हो गए। रास्ते में पंकज को गमछे से गला घोंट कर मार दिया तथा शव को वालोरिया की तरफ रोड के किनारे फेंककर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। कांतिलाल ने चारों को रहवासी स्थानों पर उतार दिया। आरोपियों ने जुर्म करना स्वीकार किया। एक आरोपी रमेश गिरफ्त से बाहर है।
तीन को आबूरोड तथा पिता को घर से पकड़ा
उप अधीक्षक किशोरसिंह चौहान ने कांस्टेबल मांगीलाल गरासिया, छतरसिंह, जितेन्द्रसिंह राठौड़ को घटना स्थल पर भेजा जहां एक व्यक्ति मिला। उसने कहा कि रोहिड़ा के कांतिलाल माली को पकडऩे पर हत्या का खुलासा होगा। इसकी जानकारी अधिकारियों को देकर माली को पिण्डवाड़ा लाए। पूछताछ में उसने गुनाह कबूलकर सहयोगियों का पता बता दिया। पुलिस ने तीनों आरोपियों को आबूरोड के एक कृषि फॉर्म से गिरफ्तार किया। सोमवार रात करीब डेढ़ बजे पंकज के पिता प्रवीण कुमार को भी परिजन के साथ थाने लाकर पूछताछ की। पहले तो उसने आनाकानी की, लेकिन बाद में कांतिलाल माली को सामने लाए तो हत्या का राज खुल गया।
पुलिस टीम में ये शामिल
पिण्डवाड़ा थाना प्रभारी सुमेरसिंह, पुलिस अधीक्षक कार्यालय में हैड कांस्टेबल भवानीसिंह, पिण्डवाड़ा थाने में कांस्टेबल मांगीलाल, शिवगंज के वीरेन्द्रसिंह, पिण्डवाड़ा के कमलेश कुमार शामिल थे। आबूरोड शहर थाना प्रभारी अनिल कुमार, सदर थाना प्रभारी आनंद कुमार, रोहिड़ा थाना प्रभारी हरिओम, पिण्डवाड़ा के उप निरीक्षक सुजानाराम, उत्तमसिंह, सहायक उप निरीक्षक महिपालसिंह, हैड कांस्टेबल खीमसिंह, छत्तरसिंह, हरीदास, कांस्टेबल रमेश कुमार, जितेन्द्रसिंह, लोकेशकुमार, तुलसाराम और गुलशन ने टीम को सहयोग किया।
आरोपियों की लोकेशन अहम सबूत
आईजी मित्तल ने बताया कि शिनाख्त के बाद सीडीआर विश्लेषण किया जो अहम सबूत है।इसमें मर्डर से पहले एवं बाद में आरोपियों में संपर्क बना रहा। इनकी लोकेशन ट्रेस हो रही थी। आरोपियों ने चलते -चलते रास्ते में हत्या कर सुनसान क्षेत्र में शव को फेंक दिया था।
कांस्टेबलों की पीठ थपथपाई
बीते 21 दिन से लोग पिण्डवाड़ा पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठते रहे। आरोप लगते रहे। विधानसभा में भी मामला उठा। लोगों ने मंगलवार को कांस्टेबल मांगीलाल, छतरसिंह, जितेन्द्रसिंह की कार्यशैली का सम्मान करते हुए पुलिस जिंदाबाद ने नारे लगाए।
12 माह से हत्या की फिराक में था
मामले में एक और नया पहलू सामने आया। इसमें प्रवीण कुमार बेटे पंकज कुमार को 12 माह से मारने की फिराक में था। उसने कई बार रोहिड़ा निवासी एक तांत्रिक से टोना-टोटका करवाया था। आखिर उसने सुपारी देकर बेटे की हत्या करवा दी।
Source: Sirohi News