सिरोही जिले की आबू-पिण्डवाड़ा विधानसभा सीट से तीन बार विधायक रहे भाजपा प्रत्याशी समाराम गरासिया के सामने कांग्रेस ने आबूरोड प्रधान लीलाराम गरासिया को टिकट देकर युवा चेहरे पर दांव खेला है। टिकट वितरण में कांग्रेस में आबू-पिण्डवाड़ा विधानसभा और आबूरोड प्रधान पद का कनेक्शन कायम रहा। इससे पूर्व आबू पिण्डवाड़ा से कांग्रेस के विधायक लालाराम गरासिया व पूर्व विधायक गंगाबेन गरासिया आबूरोड पंचायत समिति से प्रधान रह चुके हैं।
41 वर्षीय कांग्रेस प्रत्याशी लीलाराम गरासिया ने आबूरोड राजकीय महाविद्यालय में छात्रसंघ संयुक्त सचिव के रूप में निर्वाचित होकर छात्र जीवन से राजनीति की शुरुआत की। इसके बाद गरासिया वर्ष 2005 व 2010 में जाम्बुडी ग्राम पंचायत से सरपंच, 2015 में पंचायत समिति आबूरोड सदस्य और वर्ष 2021 में आबूरोड प्रधान पद पर निर्वाचित हुए।
आबू पिण्डवाड़ा विधानसभा की बात करें तो यहां 2013 व 2018 में लगातार भाजपा के समाराम गरासिया ने कांग्रेस के लालाराम गरासिया को पराजित कर चुनाव जीता है। इससे पूर्व 2008 में कांग्रेस की गंगाबेन गरासिया ने भाजपा के दुर्गाराम गरासिया को हराया था। अब भाजपा व कांग्रेस दोनों ही दलों की ओर से प्रत्याशी उतारने के बाद अब चुनावी मुकाबला तय हो गया है। भाजपा से तीन बार विधायक रहे समाराम चौथी बार मैदान में है, जबकि कांग्रेस ने उनके सामने युवा चेहरे को मैदान में उतारा है।
भाजपा से तीन बार विधायक रहे समाराम चौथी बार मैदान में
इधर, अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित जिले की आबू-पिण्डवाड़ा विधानसभा सीट से भी भाजपा ने एक बार फिर से समाराम गरासिया पर ही भरोसा जताकर मैदान में उतारा है। समाराम गरासिया 2003, 2013 और 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट से जीत दर्ज कर विधानसभा में पहुंच चुके हैं। अब चौथी बार उनको मैदान में उतारा है। पेशे से कृषक और पूर्व में एक फैक्ट्री में सुपरवाइजर व मजदूर संघ के नेता रहे समाराम गरासिया के सामने भी कांग्रेस ने अभी तक प्रत्याशी नहीं उतारा है।
Source: Sirohi News