सिरोही। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने महिला सुरक्षा पर गंभीर चिंता जताते हुए कहा है कि पोक्सो एक्ट के तहत बलात्कार के दोषियों को दया याचिका दायर करने का अधिकार नहीं होना चाहिए। राष्ट्रपति कोविंद शुक्रवार को आबूरोड में प्रजापिता ब्रह्मकुमारी संस्थान की ओर से महिला सशक्तिकरण पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि देशभर में बलात्कार और यौन हिंसा की घटनाओं पर चिंता जताते हुए कहा कि यह जिस तरह की घटनाएं हो रही है वे आत्मा को झकझोर देने वाली हैं।
संसद को दया याचिकाओं की समीक्षा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि लड़कों में ‘महिलाओं के प्रति सम्मान’ की भावना को मजबूत बनाने की ज़िम्मेदारी हर माता-पिता की है, हर नागरिक की है, मेरी है, आपकी है।
उन्होंने महिला शिक्षा स्तर पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि आज भी साक्षरता दर कम है, लेकिन बेटियों की शिक्षा के लिए काम हो रहा है। राजस्थान के बांसवाड़ा जैसे आदिवासी जिले में हर एक हजार बेटों पर 1003 बेटियां पैदा होने की बात से गर्व होता है।
उन्होंने जनधन योजना 52 प्रतिशत खाते खुलने पर हर्ष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस बार संसद में 78 महिलाएं सांसद का होना गर्व की बात है। उन्होंने ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी पूरे समाज की है।
आपको बता दें कि निर्भया गैंगरेप के एक आरोपी विनय की दया याचिका राष्ट्रपति के पास पहुंची है। इस याचिका को गृह मंत्रालय ने भेजा है। गृह मंत्रालय उस याचिका को खारिज कर चुका है।
गौरतलब है कि राष्ट्रपति कोविंद का यह बयान ऐसे समय आया है जब हैदराबाद में एक पशु चिकित्सक की रेप के बाद जला कर मार डालने और उन्नाव में बलात्कार पीड़िता को दिन दिहाड़े जलाने की घटना से देश में रोष का माहौल बना हुआ है।
Source: Sirohi News