सिरोही अस्पताल की घटना में जिम्मेदारों पर गिरी गाज, अस्पताल के पीएमओ व नगर परिषद आयुक्त एपीओ

Child mauled to death by dogs in Sirohi Hospitalसिरोही. जिला मुख्यालय स्थित मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पताल के टीबी वार्ड में मां के पास सो रहे 29 दिन के मासूम बच्चे को कुत्तों ने नोंचकर मार डाला। इस दिल दहलाने वाली घटना के बाद राज्य सरकार ने कार्रवाई करते हुए अस्पताल के पीएमओ और नगर परिषद आयुक्त को पद से हटा दिया है। इस हृदय विदारक घटना का मामला विधानसभा में गूंजने के बाद जिला कलक्टर की ओर से भेजी गई जांच रिपोर्ट के बाद सरकार ने गुरुवार को कार्रवाई करते हुए दोनों अधिकारियों को यहां से हटाकर पदस्थापना के आदेशों की प्रतीक्षा में रखा है। इस दौरान उनका मुख्यालय जयपुर रहेगा। हालांकि आदेशों में इस घटना का हवाला नहीं दिया गया है।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त शासन सचिव निमिषा गुप्ता ने आदेश जारी कर अस्पताल के पीएमओ डॉ. ए के मौर्य काे पदस्थापना की प्रतीक्षा किया है। उन्हें निदेशक जन स्वास्थ्य, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं जयपुर में उपस्थिति देने का आदेश दिया है। जबकि स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक हृदेश कुमार ने अधिशाषी अधिकारी चतुर्थ हाल सचिव नगर परिषद सिरोही का मुख्यालय निदेशालय किया है। ये आयुक्त के पद का कार्य भी देख रहे थे।

उल्लेखनीय है कि सोमवार देर रात जिला अस्पताल में टीबी वार्ड में मां के पास सो रहे एक 29 दिन के मासूम बच्चे को श्वान उठा ले गए और उसे नोंच खाया था। जिससे उसकी दर्दनाक मौत हो गई। घटना के बाद विधायक संयम लोढ़ा के विधानसभा में यह मामला उठाया था। सरकार ने जिला कलक्टर डॉ. भंवरलाल से घटना की जांच कर तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी थी। जिला कलक्टर के निर्देश पर सीईओ जिला परिषद डॉ. टी शुभमंगला ने बुधवार को मामले की जांच कर रिपोर्ट पेश की।

जांच में इनको माना जिम्मेदार

जिला कलक्टर ने बताया कि जिला अस्पताल में हुई घटना की जांच सीईओ से जांच कराई गई। जिसमें नर्सिंग ऑफ़िसर, वार्ड ब्वॉय, गार्ड के साथ डयूटी डाॅक्टर को जिम्मेदार माना है। इसके अलावा नगर परिषद आयुक्त को अस्पताल प्रशासन के तीन बार लिखने के बावजूद श्वान नियंत्रण की कार्रवाई नहीं करने के लिए जिम्मेदार माना गया। अस्पताल के पीएमओ डॉ. ए के मौर्य हॉस्पिटल प्रबंधन में लापरवाही और बिना अनुमति लीव पर रहकर अनदेखी का जिम्मेदार माना है। जांच रिपोर्ट भेजने के बाद गुरुवार को अस्पताल के पीएमओ व नगर परिषद आयुक्त को यहां से हटा दिया है।

सुधार के लिए कमेटी गठित, सहायता के लिए प्रकरण भेजा

जिला कलक्टर की ओर से कराई गई जांच में अव्यवस्थाएं मिलने पर कलक्टर ने सीईओ जिला परिषद की अध्यक्षता में एक कमेटी का भी गठन किया है। यह कमेटी ज़िला अस्पताल का साप्ताहिक अवलोकन करेगी और सुधार के आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। इसके अलावा पीड़ित परिवार को सहायता दिलवाने के लिए भी प्रकरण सरकार को भेजा गया है।

श्वानों को पकड़ने के लिए तीन बार लिखा, नहीं दिया ध्यान

मासूम की मौत के लिए अस्पताल प्रशासन के साथ ही नगर परिषद भी जिम्मेदार है। अस्पताल परिसर में श्वानों व आवारा मवेशियों के विचरण करने पर अस्पताल प्रशासन की ओर से विगत दिनों में तीन बार (24 अक्टूबर 2021, 21 सितम्बर 2022 एवं 7 अक्टूबर, 2022 को) पत्र लिखकर श्वानों व मवेशियों पर नियंत्रण का आग्रह किया था। पत्र में यहां तक लिखा था कि श्वानों व मवेशियों से मरीजों के साथ अनहोनी भी हो सकती है, इसके बावजूद नगर परिषद आयुक्त ने कोई कदम नहीं उठाया। इसी लापरवाही के चलते एक मासूम की जान गई।

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मासूम की मौत ने मरीजों की सुरक्षा पर उठाए सवाल

उल्लेखनीय है कि पाली जिले की बाली के सिवणा निवासी 40 वर्षीय महेन्द्र कुमार मीणा सिलिकोसिस से पीड़ित है। वह सोमवार को जिला अस्पताल के टीबी वार्ड में भर्ती हुआ था। उसकी पत्नी रेखा व तीन मासूम बच्चे भी उसके साथ में थे। मरीज महेन्द्र बेड पर था और उसकी पत्नी अपने तीन मासूम बच्चों के साथ बेड के पास ही नीचे फर्श पर सो रही थी। देर रात करीब 1.30 बजे के आसपास अचानक से पति के जगाने पर रेखा की आंख खुली तो उसका 29 दिन का मासूम बच्चा गायब था। उसकी पत्नी वार्ड से बाहर देखने गई तो अस्पताल परिसर में कुछ श्वान मासूम बच्चे को नोंच रहे थे।

श्वानों ने उस 29 दिन के मासूम को हमेशा के लिए मौत की नींद सुला दिया। इस घटना ने जिले के सबसे बड़े अस्पताल में मरीजों की सुरक्षा व्यवस्था की कलई खोल कर रख दी। क्योंकि यहां अभी भी श्वान, बंदर, आवारा मवेशी विचरण करते नजर आते हैं।



Source: Sirohi News