नगरपालिका चेयरमैन पद के लिए 4 पार्षदों ने 6 नामांकन किए दाखिल, रोचक हुआ मुकाबला

पिण्डवाड़ा. नगरपालिका अध्यक्ष पद पर काबिज होने को लेकर भाजपा व कांग्रेस पार्टियों के पार्षदों में घमासान मचा हुआ है। यहां 10 नवम्बर को होने वाले पालिका अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर प्रत्याशियों ने अपने समर्थकों के साथ नगरपालिका कार्यालय पहुंचकर नामांकन पत्र दाखिल किए। चुनाव अधिकारी ने बताया कि कुल 4 पार्षदों ने 6 नामांकन दाखिल किए हैं। जिसमें एक बीजेपी, एक कांग्रेस व निर्दलीय के रूप में 4 नामांकन दाखिल किए गए हैं। 7 नवंबर को नामांकन वापसी के बाद ही असली तस्वीर साफ हो सकेगी।शुक्रवार को चुनाव निर्वाचन अधिकारी हसमुख कुमार के समक्ष कांग्रेस पार्टी से पालिका उपाध्यक्ष चेलाराम देवासी ने 2 नामांकन दाखिल किए। वहीं भाजपा की नीता चौहान को प्रत्याशी बनाया है। साथ ही एक निर्दलीय के रूप में नामांकन भरा गया है। वहीं, भाजपा ने डमी प्रत्याशी के रूप में शंकर लाल पटेल को निर्दलीय नामांकन भरवाया है। भाजपा के बागी कांग्रेस के कुछ पार्षदों के साथ निर्दलीय गठबंधन वाले खेमे से चेयरमैन के दावेदार माने जाने वाले सुरेंद्र मेवाड़ा ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया है।

रोचक होगा मुकाबला

क्षेत्र में चर्चा है कि निर्दलीय खेमे के साथ 17 पार्षद भूमिगत हो गए हैं। वहीं, कांग्रेस के तीन पार्षद पिण्डवाडा में ही देखे गए है। इधर, भाजपा के 5 पार्षदों में से दो ने अपना नामांकन दाखिल किया है। अब भाजपा के पास में 5 पार्षद हैं और कांग्रेस के पास 3 पार्षद हैं। निर्दलीय 16 पार्षदों के साथ भूमिगत हो गए हैं। इससे निर्दलीय खेमेे का पलड़ा भारी नजर आ रहा है। वहीं, दूसरी ओर अध्यक्ष पद की कुर्सी से हटकर जितेंद्र प्रजापत भी अपनी उठक पटक कर अविश्वास लाने वाले पार्षदों के खिलाफ रणनीति अपनाकर चुनाव को स्थगित कराने के लिए न्यायालय की शरण में गए हैं। अब देखना है कि राजनीति का यह ऊंट किस करवट बैठता है।बगावत के चलते कुर्सी बचाने में नाकाम रहे थे चेयरमैन

नगरपालिका क्षेत्र के 25 वार्डों में भाजपा के 13, कांग्रेस के 8 और 4 पार्षद निर्दलीय है। इसके चलते पूर्व में भाजपा ने बहुमत से जीत हासिल कर जितेंद्र प्रजापत को अध्यक्ष बनाया था, लेकिन 2 साल बाद ही भाजपा के पार्षदों में मतभेद होने के बाद पार्षदों में तनाव पैदा हुआ और बगावत के चलते कांग्रेस और निर्दलीय पार्षदों से हाथ मिलाकर तत्कालीन पालिका अध्यक्ष जितेंद्र प्रजापत के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया, जिसमें मामला उच्च न्यायालय में चला। इसके बाद भी चेयरमैन अपनी कुर्सी बचाने में नाकाम रहे। अविश्वास लाने वाले खेमे ने 19 वोट प्राप्त किए थे और तत्कालीन अध्यक्ष के पक्ष में 6 वोट मिले थे। ऐसे में प्रजापत को अध्यक्ष पद की कुर्सी गंवानी पड़ी।



Source: Sirohi News