VIDEO देशावर में नौकरी छोड़कर तैयार की नर्सरी, अब पौधे बेच कर कमा रहे लाखों

भरत कुमार प्रजापत

सिरोही. इरादे मजबूत व जीवन में कुछ करने की इच्छा हो तो कोई काम असंभव नहीं होता है। बस लक्ष्य को पाने के लिए मेहनत करनी पड़ती है। कुछ ऐसा ही कमाल रेवदर तहसील के सेलवाड़ा गांव के शिक्षित और प्रगतिशील किसान मोहन पुरोहित ने किया है।
पुरोहित बताते हैं कि छह-सात साल पहले देशावर में नौकरी करते थे। वहां सही काम व उचित वेतन नहीं मिलने से परेशान थे। ऐसे में नौकरी छोड़कर कृषि क्षेत्र में कुछ नया करने की ठानी। उन्होंने कृषि विभाग से सलाह लेकर सेलवाड़ा में खुद के कृषि कुएं पर आधुनिक तरीके के खेती और नर्सरी तैयार करना शुरू किया। शुरुआत में कुछ समझ नहीं आ रहा था लेकिन समय के साथ कृषि अधिकारियों की सलाह से आधुनिक व वैज्ञानिक खेती के कारण गाड़ी पटरी पर आ गई। वर्तमान में 15 से 20 बीघा में नर्सरी लगा रखी है। साल में 10-15 लाख रुपए आमदनी हो जाती है।

ऐसे हासिल किया मुकाम
मोहन मेहनती और शिक्षित किसान हैं। नवाचार अपनाने को तैयार रहते हैं। पिछले कई वर्षों से कृषि व्यवसाय कर रहे थे परन्तु परम्परागत खेती में कड़ी मेहनत के बाद भी अच्छी आमदनी नहीं होने के कारण कुछ नया करने के बारे में सोचा। पुरोहित बताते हैं कि कृषि विज्ञान केन्द्र के जरिए परम्परागत खेती के विकल्प पॉली हाउस के बारे में जाना। पॉली हाउस में पौध तैयार करना, कोकोपिट, प्रो ट्रे आदि का उपयोग करना सीखा व खेती में अपनाया। खेत पर पॉली हाउस का निर्माण करवा सब्जियों, फलों व फूलों की पौध तैयार कर बेचना शुरू किया। इससे आमदनी में कई गुना इजाफा हुआ। शस्य कार्य कर पौध की उत्तम गुणवत्ता से अच्छी कीमत हासिल की। इस नवाचार से 10 लाख रुपए सालाना कमा रहे हैं। बूंद-बूंद सिंचाई प्रणाली से तरबूज एवं खरबूज की खेती की। इससे 6 लाख रुपए आमदनी अर्जित कर रहे हैं। पुरोहित जिले में उन किसानों के लिए प्रेरणा स्रोत बने हुए हैं जो खेती में कुछ नया करने की सोच रखते हैं।

इनकी सलाह आई काम
पुरोहित ने बताया कि कृषि विज्ञान केन्द्र के अध्यक्ष डॉ. एमएस चांदावत, आत्मा परियोजना के उप निदेशक डॉ. प्रकाश कुमार, उप निदेशक कृषि (विस्तार) जिला परिषद संजय तनेजा, अन्य अधिकारियों, उद्यानिकी विभाग एवं कृषि पर्यवेक्षकों की सलाह से यह मुकाम हासिल किया है। उन्होंने आय में वृद्धि के साथ कृषि क्षेत्र में अच्छा सम्मान भी प्राप्त किया है। वे टमाटर, मिर्च, फूलगोभी, पत्तागोभी, ब्रोकली, तरबूज, खरबूज, गैंदा, पपीता आदि की पौध तैयार कर रहे हैं। यह किसानों को मांग के अनुसार सप्लाई की जाती है। कुछ माल जिले से बाहर भी जाता है।



Source: Sirohi News