'इस बार विधानसभा में 30 से ज्यादा ब्राह्मण विधायक होंगे, पार्टी टिकट नहीं देगी तो समाज उतारेगा उम्मीदवार'

सिरोही के जिला मुख्यालय के दशहरा मैदान में रविवार को विभिन्न मुददों को लेकर आयोजित सर्व ब्राह्मण समाज की महापंचायत में ब्राह्मणों ने शक्ति प्रदर्शन करते हुए हुंकार भरी। मुख्य वक्ता विप्र सेना के राष्ट्रीय प्रमुख सुनील तिवाड़ी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि ब्राह्मण समाज किसी राजनीतिक पार्टी का गलाम नहीं है, जो समाज की मांगें पूरी करने की घोषणा करेगा, समाज उसी का साथ देगा।

तिवाड़ी ने कहा कि प्रदेश में पंडितों पर दिनोंदिन अत्याचार की घटनाएं बढ़ रही है। ऐसा कोई दिन नहीं होता जब पंडित-पुजारी मर नहीं रहे हैं, मंदिर टूट नहीं रहे हैं, गोली लग नहीं रही है। तीन दिन पहले की जैसलमेर की घटना देख लें, छह दिन पहले की बारां की घटना देख लें और तीन दिन पहले पाली में घर में घुसकर पंडित के घर को जला दिया, पिता के हाथ-पैर तोड़ दिए, भाई के पेट में चाकू मारकर दिया। फिर भी कहीं से एक भी आवाज नहीं आई। यह शर्म की बात है। हम राजनेता को जिता कर विधानसभा में तो भेज देते हैं, लेकिन वे पार्टियों के आगे पंगु हो जाते है। हमारी आवाज कोई नहीं उठाता।

कार्यक्रम में तुलसाराम महाराज, प्रकाश दास महाराज, सत्यानंद महाराज, रामशरण महाराज, बंशीधरदास महाराज, रामानंद महाराज सहित अनेक संतों का सानिध्य रहा। इससे पहले संतों व अतिथियों ने भगवान परशुराम की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्वलित कर व आरती कर कार्यक्रम की शुरुआत की। इस दौरान पांडाल भगवान परशुराम के जयकारों से गूंज उठा। महापंचायत में सिरोही जिला, प्रवासी सहित बाहर से आए लोगों सहित हजारों की संख्या में विप्र समाज के महिला-पुरुष शामिल हुए। समाजबंधुओं का सुबह से ही गाडियों भरकर यहां आना शुरू हो गया था।
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समाज को एकजुट होकर दिखानी होगी ताकत
विप्र सेना प्रमुख तिवाड़ी ने कहा कि राज्य में 1950 से लेकर 1980 तक इसी प्रदेश ने चार मुख्यमंत्री ब्राह्मण देखे और इसके बाद अब तक जीरो है। 180 विधायकों की विधानसभा में 60 विधायक ब्राह्मण हुआ करते थे और अब 200 में से महज 16 विधायक है। इसलिए अब समाज को एकजुट होकर ताकत दिखानी होगी। यह सब देखते हुए हमने प्रण लिया कि इस बार विधानसभा में हमारी संख्या 30 से ऊपर होगी। इसके लिए हमने काम चालू कर दिया है। दोनों पार्टियां अगर टिकट नहीं देती है तो ब्राह्मण समाज अपने उम्मीदवार उतारेगा।

राज्य में ऐसी कई विधानसभाएं है, जहां हमारी संख्या 60 हजार से 1 लाख है, फिर वहां दूसरी जाति का विधायक क्यों। क्योंकि हमारे समाज में एकता नहीं है। इसे समझना जरूरी है। जब जयपुर में 10 लाख से अधिक लोग जुटे, इसके बाद से अब तक 77 से ज्यादा कार्यक्रम प्रदेशभर में हो गए, लगातार ब्राह्मणों की संख्या बढ़ती जा रही है।

कार्यक्रम में युवा मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष हिमांशु शर्मा, श्रम कल्याण बोर्ड अध्यक्ष जगदीश राज श्रीमाली, महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री राज के पुरोहित, विप्र सेना के जिला संयोजक योगेश दवे, भाजपा जिलाध्यक्ष नारायण पुरोहित, हेमंत पुरोहित, प्रकाश राज रावल, मनोज पुरोहित, महेन्द्र दवे, हितेन्द्र ओझा, कल्पेश त्रिवेदी, ओमप्रकाश वैष्णव ने भी संबोधित करते हुए समाज की एकता पर जोर दिया।

मैं जीवन में चुनाव नहीं लडूंगा
तिवाड़ी ने कहा कि यह प्रश्न भी पैदा हो रहा है कि कहीं सुनील तिवाड़ी टिकट तो नहीं मांग लेगा, तो मैं इस मंच से साफ कर देता हूं कि मैं और मेरे दोनों बच्चे जीवन में चुनाव नहीं लड़ेंगे। जयपुर की महापंचायत से हमने एक और व्यवस्था की है कि मंच पर केवल संतों को स्थान दिया जाएगा।
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सीपी जोशी मंदिर के पुजारी नहीं, कार्यकर्ता को अध्यक्ष बनाया
उन्होंने कहा कि सरकारें कैसे झुकती है यह आप सबने देखा, जयपुर की महापंचायत के तीन दिन बाद विश्व की सबसे बड़ी पार्टी ने राजस्थान के मुखिया के रूप में सीपी जोशी को दिया। सीपी जोशी के अध्यक्ष बनते ही चर्चा चली कि ब्राह्मण बीजेपी के पीछे हो गया। इसका सबसे पहला विरोध मैंने किया कि सीपी जोशी कोई मंदिर के पुजारी नहीं थे कि आपने अध्यक्ष बना दिया, आपने एक पार्टी के कार्यकर्ता को अध्यक्ष बनाया है। ब्राह्मण उसी के साथ जाएगा, जो अपने मैन्यूफेस्टो में चार लाइनें लिखेगा। हम आरक्षण के लिए केन्द्र का और विप्र कल्याण बोर्ड के लिए राजस्थान सरकार का धन्यवाद देते हैं। उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सभी जिलों में ब्राह्मण पंचायत रखी जाएगी।

महापंचायत में आरक्षण बढ़ाने उठी मांग
विप्र सेना प्रमुख तिवाड़ी व विप्र सेना प्रदेश अध्यक्ष दिनेश दादिया ने ईडब्ल्यूएस आरक्षण को 10 से 14 प्रतिशत बढ़ाकर पंचायत राज में लागू करने, भगवान परशुराम के जन्मोत्सव पर राष्ट्रीय अवकाश, विप्र आयोग के गठन, पुजारियों पर मारपीट होने पर गैर जमानती अपराध का कानून बनाने एवं पुजारियों का सम्मानजनक भत्ता तय करने की मांग सरकार से की है। कार्यक्रम में गौ संत प्रकाश दास महाराज ने न्यू वंदे मातरम गीत गाता। जिससे पांडाल में मौजूद ब्राह्मण बंधुओं ने भारत माता की जय के उद्घोष के साथ एकता दिखाई। इधर पूर्व भाजयुमो अध्यक्ष हेमंत पुरोहित ने माउंट आबू को पर्यटन स्थल की बजाय तीर्थ स्थल घोषित करने मांग उठाई। जिसका संतों ने भी समर्थन किया।

भामाशाहों का सम्मान
कार्यक्रम में सहयोग करने वाले भामाशाह दलपत सिंह राजपुरोहित, राजेश कुमार रावल, नटवर राजपुरोहित, जबर सिंह राजपुरोहित, दाधीच दवे, महेन्द्र रावल, अंकुर रावल, नरेश रावल का प्रतीक चिन्ह देकर सम्मान किया गया। कार्यक्रम में सिर्फ संतों को मंचासीन रखा गया, बाकी समाज के सभी बंधु एक जाजम पर रहे। इस दौरान संतों का भी सम्मान किया गया।


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Source: Sirohi News