Unfurl the treasure of Assam : असम का नाम सुनते ही चाय के खेत और वहां की भीनी भीनी खुशबू का नजारा आंखों के सामने आ जाता है। यहां का जोरहाट शहर चाय के लिए फेमस है और यह ‘टी कैपिटल ऑफ द वर्ल्ड’ भी माना जाता है। एक और जहां चाय के बागान अपनी हरी चादर फैलाये है वहीं दूसरी ओर विशाल ब्रह्मपुत्र नदी पूरे राज्य से होकर बहती है। लेकिन क्या आप जानते है की अनेक चाय के बागानों वाला यह राज्य नेचर के खजाने के अलावा हिस्ट्री और कल्चर में भी रिच है। इंडिया का यह उत्तर पूर्वी राज्य ब्रह्मपुत्र नदी से झील और झरनो तक, घने जंगलों से पहाड़ों तक, चाय के बागानों के से लेकर रबर के बागान तक और काजीरंगा नेशनल पार्क से पौराणिक मंदिर तक कई रंगों में रंगा है। इसी तरह यहां वाइल्डलाइफ, बर्डस, फारेस्ट और कल्चर सभी एक धागे में बड़ी सुंदरता से पिरोये हुए हैं।
Guwahati : ऐसा नहीं है की असम मॉडर्न दुनिया से बिलकुल ही अनछुआ है। आज असम पूरे वर्ल्ड में चाय, तेल और पेट्रोलियम के अलावा मुगा सिल्क के लिए भी फेमस है। यहां का सबसे बड़ा शहर गुवाहाटी तेजी से आगे बढ़ रहा है। असम घूमने की शुरुआत इसी शहर से करें। यहां म्लेच्छा डायनेस्टी के दौरान बनाया गया कामाख्या मंदिर बहुत फेमस है। यदि हिस्ट्री में रूचि है तो असम स्टेट म्यूजियम जरूर जाएं। इतिहास और संस्कृति के पन्ने खोलता हुआ 1940 में बना यह म्यूजियम काफी दिलचस्प है। इसके आलावा यहां ब्रह्मपुत्र नदी के बीच में मयूर आइलैंड पर स्थित उमानंद टेम्पल भगवान शिव का मंदिर है। यहां के शांत वातावरण के साथ नदी का नजारा भी सुकून देता है।
Jorhat : जोरहाट शहर चाय के लिए फेमस है और यह ‘टी कैपिटल ऑफ द वर्ल्ड’ भी माना जाता है। चाय के बागान की खुशबूदार हरियाली का अनुभव यहां मिलेगा। इतना ही नहीं इसी माहौल में हरे-भरे चाय के बगीचे के बीच घूमने का और रहने का लुत्फ भी उठा सकते हैं। नेचर वॉक, ट्रेकिंग और बर्ड वाचिंग का यहां अलग ही मजा है।
Haflong hill : असम ट्रेवल करने वाले नेचर लवर्स के लिए यह जगह बोनस की तरह है। ऊंचे माउंटेन रेंजेस, प्राकृतिक झील, झरने और हरे-भरे जंगलों से घिरा हुआ हाफलोंग यहाँ का एकमात्र हिल स्टेशन है। यहां ट्रैकिंग और कैंपिंग के लिए एक आदर्श जगह है। दीमा हसाओ के पॉपुलर अटट्रक्शन्स में हाफलोंग हिल का नाम है।
Majuli island : यह दुनिया का सबसे बड़ा रिवर आइलैंड है। यहां की मोनास्ट्री वैष्णव संस्कृति के लिए जानी जाती है। यहां आज भी ट्राइबल कल्चर देखने को मिलता है। इस आइलैंड पर मास्क मेकिंग जैसे ट्रेडिशनल आर्ट दिखाई देते हैं। इसके अलावा लोकल आर्टिस्ट्स के फोक परफॉरमेंस का आनंद लें सकते हैं ।
Sivasagar : शिवसागर अहोम डायनेस्टी की राजधानी थी। यहां ताई अहोम म्यूजियम, मन मेड लेक, दुनिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर -शिवडोल, करेंग घर और तलातल घर के पैलेस और गौरीसागर टैंक के अलावा तीन बड़े मंदिर भी हैं। पौराणिक संस्कृति की सुंदरता यहां जीवंत होती है।
Kaziranga national park : यूनेस्को की विवर्ल्ड हेरिटेज साइट्स में शामिल है काजीरंगा नेशनल पार्क और टाइगर रिजर्व। यहां बड़ी तादात में इंडियन वन होर्नेड रहिनोसॉरुस हाथी टाइगर , वाइल्ड वाटर बफैलो, हिरण और कई तरह के बर्ड्स पाए जाते हैं। यहां सफारी का अनोखा एक्सपीरियंस मिलता है। इस नेशनल पार्क के आस पास कई होटल्स है और टी एस्टेट है जहां होम स्टे अवेलेबल हैं। सुबह के ६ बजे हाथी की सवारी करते हुए रहिनोसेरोस और हिरण का नजारा देख सकते हैं। हालांकि टाइगर के देखने की संभावना काफी कम होती है।
Kaziranga orchid and bio-diversity park : यहां 500 से ज़्यादा आर्किड की वैरायटी और एक्सोटिक फ्लावर्स की बहार है। यहां दुनिया का सबसे छोटा ऑर्किड भी दिखेगा। ऑर्किड की वैरायटी के अलावा जड़ी-बूटियां, जंगली पौधे जैसे वीनस फ्लाई ट्रैप से सजा है यह पार्क। कल्चरल एक्टिविटीज, ऑर्किडेरियम, म्यूजियम, फोटो गैलरी, लोकल रेस्तरां, इत्यादि देखने लायक हैं। फूलों के खूबसूरत और अनोखे रंग, ट्रडिशन्स, लोकल फ़ूड सब कुछ एक मजेदार एक्सपीरियंस देता है।
(इस आर्टिकल के लिए इनपुट ट्रेवल एन्थूज़ीऐस्ट नीशू भटनागर ने दिए हैं )
यह भी पढ़ें : बालों के झड़ने से हैं परेशान? सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट ने बताया नुस्खा
Source: Travel News