Court’s application for depositing amount in civil deposit rejectedसिरोही जिले में आबूरोड. रीको पुलिस की ओर से दो कारों में हवाला के मामले में जब्त की गई 5.94 करोड़ की राशि को जिला कोषालय से न्यायालय के सिविल डिपोजिट मद में जमा करवाने को लेकर प्रस्तुत प्रार्थना पत्र को न्यायालय ने खारिज कर दिया है। आदेश में जब्त की गई राशि की सुरक्षा में जिला प्रशासन के असमर्थता जताने को न्यायालय ने विडम्बना बताया है।
थानाधिकारी हरचंद देवासी ने मामले में जब्तशुदा राशि को ट्रेजरी में सुरक्षित जमा करवाने बाबत प्रार्थना पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया था। जिस पर 15 अक्टूबर को सुनवाई के बाद राशि की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए न्यायालय ने थानाधिकारी के पत्र पर राशि को जिला कोषालय सिरोही में जमा करवाने के आदेश जारी किए। आदेश की पालना में पुलिस की ओर से जब्त राशि जिला कोषालय के डबल लोक में जमा करवाई गई। इसके बाद 24 नवम्बर को जिला कलक्टर की ओर से पुलिस अधीक्षक को जब्तशुदा राशि कोर्ट डिपोजिट मद में जमा करवाने को लेकर पत्र भेजा गया। रीको थानाधिकारी ने मंगलवार को जिला कलक्टर के आदेश की पालना में राशि को कोर्ट डिपोजिट मद में जमा करवाने के लिए पुन: प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया। न्यायिक मजिस्ट्रेट आबूरोड आशा चौहान ने प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया।
मजिस्ट्रेट ने आदेश पारित करते हुए यह भी उल्लेखित किया कि जिला कलक्टर के आदेश में बताया गया है कि लम्बे समय तक जब्तशुदा राशि का कोषालय के डबल लोक में रखा जाना सुरक्षा की दृष्टि से उचित नहीं है। जिला कलक्टर पर सम्पूर्ण जिले का उत्तरदायित्व है, वे स्वयं राशि की सुरक्षा में असमर्थ है। यह कैसी विडम्बना है, जहां जिला कलक्टर एक प्रकरण में जब्तशुदा राशि की सुरक्षा नहीं कर सकेंगे, वहां इस जिले के नागरिकों की सुरक्षा कैसे सम्भव है। यदि जब्तशुदा राशि कोर्ट के सिविल डिपोजिट मद में जमा करवा दी जाए तो ना सिर्फ पुलिस की ओर से की गई पूरी जब्ती की कार्यवाही व्यर्थ हो जाएगी, बल्कि प्रकरण से सम्बंधित साक्ष्य भी समाप्त हो जाएंगे।
Source: Sirohi News