माउंट आबू. नक्की झील किनारे लगी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा में उनके चेहरे का मिलान नहीं होने को लेकर लगातार उठे सवालों के बाद मंगलवार को कई पार्षद व जनप्रतिनिधि नक्की लेक गार्डन पहुंचे और प्रतिमा स्वीकृति देने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की। 30 दिसंबर को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के हाथों आनन-फानन में उद्घाटन करवाने व गांधी स्मारक के रूप में इसे विकसित नहीं करने के मामले की जांच की मांग की। नेता प्रतिपक्ष सुनील आचार्य, पार्षद विकास अग्रवाल सहित कई जनप्रतिनिधियों ने पांच सौ रुपए का नोट निकालकर गांधीजी के फोटो से प्रतिमा का मिलान की कोशिश की। वहां मौजूद कई पर्यटक व शहरवासी हंसी नहीं रोक पाए। हालांकि मामला प्रकाश में आने के बाद अब नगर पालिका ने ठेकेदार को प्रतिमा बदलने के आदेश दे दिए हैं।
कलक्टर के निर्देश पर हुई जांच में हुआ था खुलासा
8 माह पूर्व नक्की झील के पास गार्डन में लगाई गई महात्मा गांधी की प्रतिमा को लेकर चेहरा नहीं मिलने के मामले में पत्रिका द्वारा प्रमुखता से मुद्दा उठाए जाने के बाद जिला कलक्टर ने जांच के आदेश दिए थे। उसके बाद आयुक्त शिवपाल सिंह ने जांच कर खुलासा किया कि नक्की झील पर लगी महात्मा गांधी की प्रतिमा में गांधीजी का चेहरा नहीं मिल रहा है। इसे बदलने की आवश्यकता है। गौरतलब है कि इस प्रतिमा का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 8 माह पूर्व वरसुअल उद्घाटन किया था।
– नगर पालिका से मौखिक रूप में प्रतिमा बदलने के आदेश किए है।
प्रवीण कुमार, ठेकेदार, नगरपालिका, माउंट आबू
– हम गुजरात के निवासी है। हमने बचपन से गांधीजी को पढा है। प्रतिमा में गांधीजी जैसा कुछ भी नजर नहीं आ रहा। राष्ट्रपिता की प्रतिमा को लेकर ऐसी मजाक नहीं होनी चाहिए।
गुजराती पर्यटक दंपती
Source: Sirohi News