सिरोही. जोधपुर से गुजरात के जूनागढ़ जा रही एक निजी बस से एक आरोपी महिला का बैग चुराकर उतर गया। बैग में महिला के तीन लाख के जेवर और दस हजार रुपए नगद थे। सारा वाकया बस में लगे सीसीटीवी और सिरोही की एक होटल के बाहर लगे कैमरे में कैद हो गया। बावजूद इसके पुलिस पांच दिन से परिवादी को एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन तक दौड़ा रही है लेकिन मुकदमा है कि दर्ज ही नहीं कर रही।
दसअसल, चंद रोज पहले पाली निवासी कविता कंवर अपने तीन साल के बेटे रणजीत और पुत्री कल्पना के साथ गांव रोहट से जेतपुर (गुजरात) जाने के लिए राजन ट्रॉवेल्स की निजी बस में स्लीपर सीट में बैठकर सफर कर रही थी। इस दौरान उसके पास दो बैग थे। बड़े बैग में उनके और बच्चों के कपड़े थे और छोटे लेडीज बैग में छह तोला सोना, 400 ग्राम चांदी और दस हजार रुपए नगद थे। सिरोही में एक नामी होटल पर बस के रुकने पर महिला छोटा बैग लेकर नीचे उतरी और वहां हल्का नाश्ता किया। वहां लगे सीसीटीवी देखने पर पता चला कि एक संदिग्ध युवक इस महिला यात्री के आसपास मंडराता दिखा। बाद में जब वह वापस बस में चढ़ी तो वह संदिग्ध बस लगे सीसीटीवी में उस महिला यात्री की सीट से काॅफी कलर का छोटा लेडीज बैग चुराते और फिर बस से उतरते कैमरे में कैद हुआ है। घटना के दो घंटे बाद जब महिला की नींद खुली तो आरोपी की खोजबीन की गई लेकिन कोई पता नहीं चला। कारण कि जिस बस में वह सफर कर रहा था उस बसचालक ने बिना टिकट के उसे बिठाया था। कुछ रुपए कमाने के चक्कर में उसे टिकट तक नहीं दिया। ऐसे में परिचालक सिर्फ इतना ही बता पाया कि वह सिद्धपुर के पास उनावा में उतरा था।मुकदमा है कि दर्ज ही नहीं हो रहा…
परिवादी जब मामला दर्ज कराने सिरोही पुलिस के पास पहुंचे तो उन्हें कहा गया कि निजी बस गुजरात जा रही थी और आरोपी उनावा उतरा था तो वहां जाकर मुकदमा दर्ज कराओ। उनावा गए तो कहा कि सवारी के पास जेतपुर का टिकट था तो वहां दर्ज कराओ। फिर परिवादी गुजरात के जेतपुर गए तो उन्हें वहां से भी उनावा जाने का कहकर वापस भेज दिया। लेकिन तीनों स्टेशन पर पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया। जानकार कहते हैं कि कोई भी पुलिस जीरो नम्बरी एफआईआर दर्ज कर सकती है। फिर इस मामले में क्यों टाल-मटोल की जा रही है। वैसे घटनाक्रम की शुरुआत भी सिरोही से हुई और दौड़ती बस से आरोपी बैग लेकर भागा है तो सिरोही में मुकदमा दर्ज हो सकता है।
मुकदमा दर्ज होना चाहिए….घटनाक्रम कहां हुआ है। यह इतना जरूरी नहीं है। अपराध रोकने के लिए सिरोही पुलिस को तत्काल इस मामले में जीरो नम्बरी एफआईआर दर्ज करनी चाहिए। तभी तो अपराधियों में भय और आमजन में विश्वास का नारा बुलंद हो पाएगा।
-विरेन्द्रसिंह चौहान, कानून विशेषज्ञ, सिरोही
Source: Sirohi News