सरूपगंज. समीपवर्ती काछोली नदी में गत 23 अगस्त की शाम को काछोली नदी में बहकर गए प्रतापसिंह राणावत का तीसरे दिन गुरुवार को भी सुराग नहीं लगा। एसडीआरएफ की टीम रेस्क्यू कर रही है। जानकारी के अनुसार शाम को प्रतापसिंह राणावत व भुवनेश गरासिया एक-दूसरे का हाथ पकडकऱ नदी पार कर रहे थे। तब प्रतापसिंह का हाथ छूट गया और नदी में बह गए। उन्हें बचाने के लिए भुवनेश गरासिया नदी में कूद गया, मगर उन्हें नहीं बचा सका। वह भी फंस गया और रातभर नदी में चट्टान पर बैठा रहा। अलसुबह आपदा बचाव टीम ने उसे रेस्क्यू किया। गुरुवार शाम को भी एसडीआरएफ की टीम व प्रशासन किवरली व उसके आसपास नदी क्षेत्र में किवरली के सुमेरसिंह देवड़ा, शंकरलाल पुरोहित, जितेंद्रसिंह देवड़ा व गांव के युवा नदी व उसके आसपास ढूंढने में लगे रहे। बनास नदी में भी चप्पे चप्पे पर खोज की। रेडवाकलां, क्यारिया की तरफ भी खोजा। पुलिस प्रशासन की मदद एवं ड्रोन का भी सहयोग लिया गया, पर कहीं सुराग नहीं मिला। विधायक समाराम गरासिया, डीएसपी जेठूसिंह करणोत, एसडीएम हसमुख कुमार व तहसीलदार मादाराम बचाव टीम के साथ मौजूद रहे।
तीस घंटे बाद भी नहीं मिला सांगणा रपट पर बहा युवक, कलक्टर-एसपी पहुंचे मौके पर
आबूरोड. समीपवर्ती सांगणा गांव में बुधवार को रपट पार करने के दौरान बहे युवक का 30 घंटे की मशक्कत के बावजूद कोई अता-पता नहीं लग पाया। सांगणा रपट के बहाव वाले इलाकों में गुरुवार को दिनभर प्रशासन युवक की खोजबीन में जुटा रहा। तहसीलदार रायचंद देवासी, भू- अभिलेख निरीक्षक सुखराजसिंह व पुलिस प्रशासन की उपस्थिति में युवक को ढूंढने का प्रयास किया, लेकिन युवक का पता नहीं लग पाया। उधर, घटना की जानकारी मिलने पर जिला कलक्टर डॉ. भंवरलाल व पुलिस अधीक्षक ममता गुप्ता मौके पर पहुंची। अधिकारियों से मामले की जानकारी लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। गौरतलब है कि सांगणा के खोखरिया फली निवासी कालूराम पुत्र लाडूराम बुधवार दोपहर आबूरोड से अपने घर लौट रहा था। तभी सांगणा रपट पार करने के दौरान पानी के तेज वेग में बह गया। समाचार लिखे जाने तक युवक का पता नहीं लग पाया था।
Source: Sirohi News