विद्यादेवी की दर्दभरी दास्तान: नहीं दिया पति का मृत्यु प्रमाण-पत्र, दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर

सिरोही/रेवदर. राम तो रूठा ही, राज भी रूठ गया। दांतराई निवासी विद्यादेवी पति के मृत्यु प्रमाण-पत्र के लिए दर-दर की ठोकरें खाने पर मजबूर है। सम्बंधित कार्यालयों के कई चक्कर लगाने के बावजूद विद्यादेवी को अपने पति का मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं मिल रहा है। विद्यादेवी ने अपनी दास्तान सुनाते हुए बताया कि उसके पति शांतिलाल प्रजापत का गत 9 जुलाई को अहमदाबाद में निधन हो गया। दूसरे दिन 10 जुलाई को पैतृक गांव दांतराई में समाज के लोगों की मौजूदगी में दाह संस्कार किया। विद्यादेवी ने बताया कि पति के निधन के बाद ससुराल पक्ष का व्यवहार बदल गया। मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया।

 

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पति की मृत्यु के बाद पति का स्कूटर, मोबाइल, पर्स, चश्मा व अन्य सामान उसे नहीं दिया। करीब ढाई हजार रुपए, सभी एटीएम कार्ड व आधार कार्ड पर्स में ही है। सामान नहीं देने पर उसे थक-हारकर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवानी पड़ी। अहमदाबाद के घंटाकर्ण कपड़ा मार्केट में उसके पति की कपड़े की दुकान है। जिसमें से उसके जेठ जीतूभाई ने कपड़े की आठ-दस गांठें गत 14 जुलाई को चुरा ली। जिसकी उसे अहमदाबाद के कागड़ापीठ पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज करवानी पड़ी।

न्याय दिलाने की लगाई गुहार:
विद्यादेवी ने बताया कि गत 29 जुलाई को पति का मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने पिता के साथ ग्राम पंचायत कार्यालय गई तो वहां बताया कि मृत्यु प्रमाण यहां नहीं बनेगा। अहमदाबाद में बनेगा। दोबारा 16 अगस्त को गई और कागजी कार्रवाई पूरी करवाई। ग्राम विकास अधिकारी से हस्ताक्षर करवाकर कागजात पंचायत समिति कार्यालय गई और शाम चार बजे बाबू को कागजात दिए। 18 अगस्त को सुबह ग्यारह बजे बीडीओ से मिली तो उन्होंने मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने से मना कर दिया। पीड़िता ने बताया कि उसकी शादी नवम्बर 2014 में दांतराई निवासी शांतिलाल पुत्र उनाराम प्रजापत से हुई थी। वैवाहिक जीवन में उसके दो पुत्र तक्ष व धैर्य है। ससुराल पक्ष ने दांतराई स्थित मकान पर ताला लगा दिया है और वह बच्चों को लेकर दर दर भटकने को विवश है। उसने न्याय दिलाने की गुहार लगाई।

 

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इन्होंने बताया..
पीड़ित महिला के पति की मृत्यु अहमदाबाद में हुई है। नियमानुसार मृत्यु प्रमाण पत्र वहीं से जारी होता है। फिर भी नियमानुसार पीड़िता को पंचायती राज नियमों के तहत सहायता प्रदान की जाएगी।
आवड़ दान, विकास अधिकारी, रेवदर।



Source: Sirohi News