पिण्डवाड़ा. कस्बे के निजी अस्पतालों एवं क्लीनिक से रोजाना निकलने वाले जैविक कचरे (बायो मेडिकल वेस्ट) के निस्तारण का उचित प्रबंध नहीं हो रहा है। इस जैविक कचरे में मरहम-पट्टियां, सीरिंज-नूडल्स, खाली बोतल, टिसू पेपर, खाली इंजेक्शन, कांच की शिशियां आदि बायो वेस्ट कचरे का ढेर सड़क के किनारे खुले में ही फेंक दिया जाता है। बायोवेस्ट के निस्तारण के निर्धारित प्रोटोकाल का पालन इन प्राइवेट अस्पतालों की ओर से नहीं किया जा रहा। इतना ही नहीं विभाग ने कई अस्पतालों को नोटिस भी जारी किए, पर आबादी क्षेत्र में कचरा फेंकने का सिलसिला जारी है। ऐसे में संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा मंडरा रहा है।
जिम्मेदार नहीं है गंभीर
इसे लेकर न तो स्वास्थ्य विभाग और ना ही पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड व नगर पालिका के जिम्मेदार गंभीरता दिखा रहे हैं। प्रशासन ने जैविक कचरे के निस्तारण के लिए सभी चिकित्सा इकाइयों को प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड में पंजीयन करवाकर एनओसी लेना अनिवार्य कर दिया है। लेकिन, स्वास्थ्य महकमा इसको लेकर सख्ती नहीं दिखा रहा है।
अधिनियम के तहत हो सकती है कार्रवाई
अस्पतालों का जैविक कचरा खुले में डम्प करने से रोकने के लिए हॉस्पिटल प्रबंधन कमेटी बनी हुई है। बावजूद इसके शुक्रवार व शनिवार को शहर के रेलवे ओवर ब्रिज के पास हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में अस्पताल के कर्मचारी बायोवेस्ट कई जगहों पर चोरी-छिपे फेंक कर चले गए। ग्रामीण क्षेत्रों में का भी कमोबेश यही हाल है।
इनका कहना है …
हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में अज्ञात अस्पताल के कर्मचारी चोरी-छिपे बायोवेस्ट फेंक कर गए है, तो यह गलत है। इसकी जांच करवा कर दोषी अस्पताल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी ।
– भूपेन्द्रसिंह, बीसीएमएचओ, पिण्डवाड़ा
रिहायशी इलाके में किसी अज्ञात अस्पताल वालों ने बायोवेस्ट डाला है, जो सरासर गलत है। ऐसे अस्पतालों को चिहिन्त किया जाएगा। नोटिस देकर जुर्माना वसूला जाएगा।
– दीपिका वीरवाल, अधिशासी अधिकारी, पिण्डवाड़ा पालिका
फोटो – पिण्डवाड़ा. शहर के हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के सडक के किनारे फेंका बायोवेस्ट।
Source: Sirohi News