रेलवे यूनियन का हुआ वार्षिक अधिवेशन, रेलकर्मियों ने रेलवे की इन नीतियों पर जताया रोष

आबूरोड. नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एम्पलॉइज यूनियन का अठारहवां वार्षिक अधिवेशन रविवार को वर्चुअल मीटिंग के रूप में आयोजित किया गया। ऑल इंडिया रेलवे मैन्स फेडरेशन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि कोरोना काल जैसी महामारी में रेलवे के कर्मचारियों ने अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया। जब सारा देश लॉकडाउन में बंद था, उस समय रेलवे के कर्मचारियों ने मालगाडिय़ों के माध्यम से दैनिक उपयोग की वस्तुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान तक परिवहन करने का कार्य किया। जरूरत की सभी वस्तुओं को सुगमता से सुलभ करवाई गई, लेकिन सरकार ने इस समय कर्मचारियों को मनोबल गिरते हुए उनका महंगाई भत्ता को जुलाई 2021 तक फ्रीज़ करने का कार्य किया। सरकार ने अप्रेंटिस किए हुए बेरोजगार व्यक्तियों पर ध्यान नहीं देकर मनोबल गिराने का कार्य किया है। लार्जेस स्कीम के तहत उन रेल कर्मचारियों, जो कार्य करने की हालत में नहीं है, उन्हें सेवानिवृत्त कर उनके एक बच्चे को रेलवे में नौकरी दी जाती थी, लेकिन सरकार ने इस स्कीम को बंद कर दिया।

मुख्य कार्मिक अधिकारी जयपुर प्रभाष कुमार, बीएल मीणा, राजीव सिंह व यूनियन के महामंत्री मुकेश माथुर ने विचार व्यक्त किए। कोरोना काल में यूनियन की ओर से रेलकर्मियों को मास्क, गमछे व सेनेटाइजर वितरित करने व जगह-जगह जरूरतमंदों को राशन किट वितरित करने, रक्तदान शिविर आदि की जानकारी दी गई। मंडल मंत्री अरुण गुप्ता ने सरकार की ओर से किए जा रहे निजीकरण का विरोध जताया। यूनियन के जोनल अध्यक्ष अनिल व्यास, मंडल अध्यक्ष मोहन चेलानी एवं आबूरोड यूनियन कार्यालय में दोनों शाखाओं के पदाधिकारी व सदस्य उपस्थित थे।



Source: Sirohi News