सिरोही. शहर सहित जिलेभर में रोशनी और खुशियों का पर्व दीपावली शनिवार को उत्साह के साथ मनाया गया। शुभ मुहूर्त में घरों, मंदिरों और प्रतिष्ठानों में विघ्न विनाशक भगवान गणेश, माता लक्ष्मी और कुबेर की विधि-विधान से पूजा की गई। सुबह घरों की सफाई के बाद लोगों ने बाजार का रुख किया। किसी ने पूजन का सामान खरीदा तो किसी ने लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्ति। मिठाई, फूल, दीए आदि की भी खरीदारी की। घरों में महिलाओं ने सुबह पकवान बनाए। शाम को घरों और प्रतिष्ठानों में मुहूर्त के अनुसार पूजा की गई। मंदिरों में सुबह माला और शाम को विद्युत झालरों से सजावट की। घरों-प्रतिष्ठानों में रंगोली बनाने के साथ दीप जलाए गए। इसके साथ ही लोग परिचितों से मिलकर व सोशल मीडिया के माध्यम से एक दूजे को बधाई देते नजर आए। गिफ्ट आइटम की दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ रही। परंपरानुसार दीपावली पर कई लोग गन्ने की पूजा करते हैं। सब्जी मंडी, सरजावाव दरवाजे के बाहर व अन्य स्थानों पर गन्ने के स्टॉल लगाए गए।
कोरोना के कारण इस बार पटाखों पर रोक के कारण धमाके कम ही सुनाई दिए। रात में रुक-रुककर बम के धमाके गूंजे। वैसे अधिकांश लोगों ने आतिशबाजी नहीं की। इससे पर्यावरण स्वच्छ रहा। महोत्सव को लेकर हर वर्ग के लोगों में खुशियां देखने को मिलीं। पूजा के बाद कुछ लोग एक दूसरे के घरों पर गए और दीपावली की शुभकामनाओं के साथ मिठाई व प्रसाद का वितरण किया। सिरोही में दीपावली को लेकर जगह-जगह मिठाई की दुकानों के काउंटर सजे हुए थे। वहीं महोत्सव को लेकर शहर को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया। ग्रामीण क्षेत्रों में दीपावली के बाद गोवर्धन पूजा की गई। गोवर्धन पूजा के साथ जिलेभर में अन्नकूट का सिलसिला भी शुरू हुआ। सोमवार को भाई दूज का पर्व मनाया गया। बहन ने भाई के तिलक लगाकर लम्बी उम्र की कामना की।
पावापुरी तीर्थधाम में आकर्षक सजावट
पावापुरी तीर्थ जीव मैत्रीधाम में दीपावली पर्व पर चौमुखा जल मंदिर में महावीर स्वामी निर्वाण महोत्सव मनाया गया। परिसर में दीपक से भव्य रोशनी की गई तथा भक्ति भावना की गई। महाआरती के बाद केपी संघवी परिवार के प्रमुख किशोर भाई संघवी ने परमात्मा के सम्मुख मोदक अर्पण किया। पावापुरी ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी महावीर जैन ने बताया कि नववर्ष पर सोमवार प्रात: आचार्य रविरत्न सूरी के शिष्य पन्यास जयेशरत्न विजय की निश्रा में चतुर्विद संघ मंदिर पहुंचा। मंत्रोच्चार के बाद केपी संघवी परिवार की तपस्वीरत्न संघवी रतनबेन बाबूलाल ने मंदिर का द्वारोघाटन किया। श्राविकाओं ने मंदिर में काजा निकालने का लाभ लिया व भक्तों ने वास्केप पूजन किया।
गुजरात से पटाखे लाकर अतिशबाजी
मंडार. कस्बे समेत आस-पास गांवों में दीपोत्सव उल्लास के साथ मनाया। लोगों ने घरों तथा आंगन में रंगोली सजाई। इस मौके पर नव विवाहिताओं के गौने भी हुए। दुकानदारों ने सिंह लग्न में लक्ष्मी तथा कुबेर की पूजा कर बहीखातों का श्रीगणेश कर पूजन किया। वैसे कम्प्यूटर युग होने के बाद भी लोगों ने चौपड़े व खाता बहियां खरीदीं। घरों तथा दुकानों को बिजली की लडिय़ों तथा तेल के दीप जलाकर सजाया। सरकार की ओर से पटाखों पर पाबंदी के बाद भी चोरी-छुपे जमकर बिकवाली हुई तथा अतिशबाजी कर खुशियां मनाईं। कई लोगों ने गुजरात के पाथावाड़ा से पटाखे लाकर अतिशबाजी की। कस्बे में जुजर बोहरा व मोहम्मद बोहरा लाइट वाला ने दुकानों तथा रीको आवासीय कॉलोनी में भवनों को रंग-बिरंगी लडिय़ों से सजाया। दूसरे दिन रामा-श्यामा पर बड़ों के धोक लगाकर आशीर्वाद लिया। कोविड-19 को लेकर सरकार के निर्देशों की पालना कर रविवार देर शाम तक अस्सी प्रतिशत लोगों ने एक-दूसरे से मिलने नहीं जाकर सोशल मीडिया के माध्यम से ही बधाई दी। सोमवार को भाई दूज को बहनों ने भाइयों को घर आमंत्रित कर कुमकुम का तिलक लगाकर स्वागत किया तथा उन्हें भोज करवाया। भाइयों ने बहनों को नेग देकर रस्म अदा की।
झलकी परंपराएं
ग्रामीण क्षेत्रों में दीपावली की पूर्व संध्या पर बालक-बालिकाओं ने घर-घर जाकर ‘मेर मेराइयो, तेल पुरावजोंÓ का उद्घोष कर मिट्टी के पात्र में तेल एकत्र किया। मिट्टी के कुल्हड़ों में बेर व सात धान डालकर ग्रामीण महिलाओं ने उस पर दीपक रखकर परम्परागत लक्ष्मी पूजन किया। गृहणियों ने रामा-श्यामा के दिन तड़के उठकर घर व परिसर की सफाई कर थाली व सूप बजाते हुए तेल का दीपक घर के बाहर रखा तथा वहां से घी का दीपक लक्ष्मी के रूप में घर में लेकर आईं।
रेवदर. उपखंड मुख्यालय पर दीपावली पर्व पर लोगों ने आपस में खुशियां बांटी। सरकार की ओर से जारी कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए पर्व मनाया।
Source: Sirohi News