सिरोही। सिरोही के समीपवर्ती धनारी गांव में दस दिन पूर्व कोरोना संक्रमित पाए गए एक प्रौढ़ को दो बार रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद कोविड वार्ड मानसरोवर आबूरोड से बुधवार को डिस्चार्ज किया गया था। रात 9 बजे जब वे घर पहुंचे तो परिजनों ने उनका ढोल नगाड़ों के साथ स्वागत किया था। स्वागत की रस्म के 3 घंटे बाद ही उनकी तबीयत बिगड़ी।
परिजन उपचार के लिए आबूरोड ट्रोमा सेंटर ले कर गए, वहां पर उपचार नहीं होने के कारण उन्हें सिरोही ट्रोमा सेंटर ले जाया गया जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। हालांकि मौत के बाद शव के लिए सेंपल की रिपोर्ट आनी बाकी है। गुरुवार को एम्बुलेंस से शव पैतृक गांव धनारी भेजा गया। जहां पर पुलिस, प्रशासन व चिकित्सा विभाग की मौजूदगी में अंतिम संस्कार किया गया।
सिरोही से सेंपल व अन्य प्रक्रिया पूरी कर शव को एंबुलेंस से सीधे धनारी प्रशासनिक श्मशान घाट पर लाया गया। लेकिन तब तक चिकित्सा विभाग की टीम वहां मौजूद नहीं होने से परिजनों ने शव को सामान्य तरीके से ही नीचे उतार कर चिता पर रख दिया। जब मेडिकल टीम आई तब उन्होंने बताया कि पीपीई कीट पहनकर ही यह प्रक्रिया की जानी चाहिए थी।
यह है मामला:
धनारी निवासी ये व्यक्त सूरत से आए थे, जिन्हें होम क्वारंटीन रखा गया था। सेम्पल में कोरोना संक्रमित पाए जाने पर उन्हें 20 जुलाई को मानसरोवर स्थित कोविड वार्ड में भेजा गया था। वहां पर उपचार के दौरान दो बार रिपोर्ट नेगेटिव आने से उन्हें बुधवार को डिस्चार्ज कर दिया था। उनकी पुत्री व भतीजा कोरोना संक्रमित पाए जाने पर वर्तमान में कोविड वार्ड मानसरोवर में उपचारित हैं।
बेटी नहीं देख सकती पिता का चेहरा:
उनकी पुत्री व भतीजा भी कोरोना संक्रमित हैं। उनका एक पुत्र रुस में हैं। इस तरह मृतक की पुत्री , एक पुत्र व भतीजा उनका चेहरा नहीं देख पाए।
Source: Sirohi News