रोज गिर रहे हं आरसीसी के टुकड़े, टंकी गिराने के आदेश के बावजूद नहीं दिया जा रहा ध्यान

शिवगंज. अब तो शायद किसी की जान जाने के बाद ही अधिकारियों की नींद खुलेगी…यह दर्द भरी पुकार दलित बस्ती में निवास करने वाले उन लोगों की है जिन्हें दिन-रात जर्जर उच्च जलाशय के गिरने का खौफ रहता है। कोई उनकी इस फरियाद को नहीं सुन रहा। उनका हर दिन किसी हादसे को लेकर खौफ के बीच गुजर रहा है। यह खौफ लोगों के दिल में कई महीनों से है लेकिन अधिकारी लापरवाही कर रहे हैं जो किसी दिन भारी साबित हो सकती है।
हम बात कर रहे हैं दादाबाड़ी के समीप वाल्मीकि बस्ती में निवास करने वाले उन दलित परिवारों की जिनके मकानों के ठीक बगल में खड़ा उच्च जलाशय कभी भी धराशायी हो सकता है। जलाशय से रोजाना आरसीसी के शिलाखंड टूट कर नीचे गिर रहे हैं। इसके बावजूद हजारों लीटर पानी भरने से जलदाय विभाग बाज नहीं आ रहा है। हालांकि विभाग के उच्चाधिकारियों ने इसे शीघ्र गिराने के निर्देश कई माह पहले ही जारी कर दिए हैं।
करीब ढाई दशक पहले दादाबाड़ी, नेहरू नगर, आखरिया चौक, अंबिका चौक आदि क्षेत्रों की जलापूर्ति के लिए राज्य सरकार की ओर से बस्ती के समीप उच्च जलाशय का निर्माण करवाया था। यह जलाशय अब जर्जर हाल हो चुका है। कालांतर में आखरिया चौक में भी उच्च जलाशय का निर्माण करवा दिया गया। इतना ही नहीं, दो वर्ष पूर्व ही शहर में दो नए उच्च जलाशयों का निर्माण भी पूर्ण हो चुका है। बावजूद इसके विभाग इस जलाशय से जल वितरित कर रहा है। इसके चारों तरफ से पानी टपकता है, जो सड़क पर फैल कर आवागमन में दिक्कत करता है।
पत्रिका ने उठाया
था मुद्दा
जलाशय की हालत को लेकर राजस्थान पत्रिका ने प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किए। इसके बाद जलदाय विभाग हरकत में आया तथा उच्चाधिकारियों ने स्थानीय अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी। विभागीय जांच दल ने इसे गिराने की छह माह पहले ही अनुशंसा भी कर दी थी। बावजूद इसके स्थानीय अधिकारी अब तक इसे गिराने की दिशा में एक कदम भी नहीं चल पाए हंै।
फिर क्यों भरा जा
रहा पानी?
जलाशय गिराने के निर्णय के बावजूद आखिर स्थानीय अधिकारी इसका उपयोग क्यों जारी रखे हुए हंै? क्या वे किसी हादसे का इंतजार कर रहे हैं? इसके ठीक सामने सरकारी विद्यालय का भी संचालन हो रहा है। मध्यान्तर के समय बच्चे जलाशय के आसपास की खेलते हैं। जलाशय के पास से बडगांव जाने का मुख्य मार्ग गुजरता है। यह मार्ग हर समय व्यस्त रहता है।
भड़का जन आक्रोश
रविवार को भी जलाशय को भरा गया। ठीक उसी समय इस जलाशय से आरसीसी के बड़े पत्थर गिरने लगे। वहां निवास करने वाले लोग भयभीत हो गए। इस बारे में विभागीय अधिकारियों को भी अवगत करवाया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे लोगों में आक्रोश हो गया। पार्षद गीतादेवी, पूर्व पार्षद महेन्द्र वाघेला, हीरालाल वाघेला, कैलाश चांवरिया, अर्जुन चांवरिया, रवि चांवरिया आदि ने बताया कि विभागीय अधिकारियों की लापरवाही की वजह से यहां कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। इनका कहना था कि जब कभी इस जलाशय को लेकर समाचार प्रकाशित होता है तब अधिकारी आते हंै और आश्वासन देकर चले जाते हंै।
विधायक से मिलेंगे
लोगों ने बताया कि अधिकारियों की लापरवाह कार्यशैली को लेकर सोमवार को विधायक संयम लोढ़ा से मिलेंगे और समस्या समाधान का आग्रह करेंगे।
&हमने नगर पालिका प्रशासन से जलाशय निर्माण के लिए जमीन मांगी है। जमीन मिलने पर इसे गिराने की कार्रवाई कर सकते हंै। यह बात सही है कि इसे गिराने के निर्देश मिले हैं, लेकिन इसे नहीं भरा गया तो जलापूर्ति प्रभावित होगी। मुझे पत्थर गिरने की सूचना मिली है। व्यवस्थाएं देख इसमें पानी भरना बंद करवाया जाएगा।
– विनोदसिंह शेखावत, कनिष्ठ अभियंता, जलदाय विभाग



Source: Sirohi News