सिरोही. टिड्डी के झुंडों ने सिरोही शहर व आसपास के दर्जनों गांवों में आतंक मचा रखा है। देर शाम तक टिड्डियां शिवगंज तहसील के तलेटा तक पहुंचने की सूचना है। इनका पड़ाव झाडोली वीर व आल्पा में बताया जा रहा है। टिड्डी दल के हमले से जीरा, सरसों, अरंडी और गेहूं की करोड़ों रुपए की फसल नष्ट हो गई है। ऐसे में किसान बेबस हैं। जिला प्रशासन व कृषि विभाग ने समाजसेवियों की मदद से रविवार सुबह 6 से 10.30 बजे तक सरूपविलास, ट्रांसपोर्ट नगर के सामने, गोपाल सागर तक इनके खात्मे का अभियान चलाया लेकिन संसाधनों की कमी के चलते दवा स्प्रे के प्रयास बौने साबित हुए।
हालांकि कृषि अधिकारियों की मानें तो दवाओं का छिड़काव कर 20-30 प्रतिशत टिड्डी नष्ट की गई लेकिन पूरी तरह से खात्मा नहीं हो पाया। कृषि विभाग के अधिकारी, जिला प्रशासन, किसान व समाजसेवी सुबह छह बजे ही मौके पर पहुंचे और अभियान शुरू किया। किसानों व अधिकारियों की सहायता से अलग-अलग कृषि कुओं पर जाकर दवाइयों का छिड़काव करने लगे। 10.30 बजते ही टिड्डियां उडऩा शुरू हुईं। झुंड शहर में होते हुए कृषि विज्ञान केन्द्र और बाद में बागसीन की ओर चला गया। ऑपरेशन में सुबह किसानों के नौ ट्रैक्टर, एक कृषि विज्ञान केन्द्र का टै्रक्टर व दो भारत सरकार की गाड़ी मौजूद थीं। ऊंचे पेड़ों तक दवा मिले पानी की धार नहीं जाने पर टिड्डियों को नष्ट करने के लिए समाजसेवियों की ओर से के्रन आदि मंगवाई। इस दौरान छिड़काव करते एक युवक बीमार हो गया। उसे शीघ्र अस्पताल पहुंचकर उपचार करवाया। युवक का स्वास्थ्य ठीक बताया।
किसानों की नींद उड़ी
दो दिन पहले टिड्डी दल पिण्डवाड़ा तहसील में तबाही मचाने के बाद बाहरीघाटा की तरफ से सिरोही शहर में आया और देखते ही देखते फसलों को चौपट करने लगा। बदहवास किसानों ने बर्तन, वाहन के साइलेंसर के शोर, टायर जलाकर टिड्डियों को अपने खेतों से उड़ाने की कोशिश की तो दूसरे खेत में भर गईं। हाथ पांव फूले किसानों की मदद करने वाला यहां कोई मजबूत पक्ष नहीं था। विभागीय वाहन यहां पहुंचे लेकिन इतनी बड़ी मात्रा में हुए हमले के आगे बेबस थे। इन वाहनों में लगे हॉर्न, स्प्रे और अन्य प्रयास नाकाफी साबित हो रहे थे। किसानों को उजड़ती फसल देखने के सिवाय कोई चारा नजर नहीं आ रहा। मेहनत का फल यूं बर्बाद होते देख उनका कलेजा जल रहा था। किसानों की नींद उड़ी हुई है कि कब तक इनसे मुक्ति मिलेगी।
अधिकारियों ने
की मॉनिटरिंग
इस दौरान जिला कलक्टर सुरेन्द्र कुमार सोलंकी, एसडीएम हंसमुख कुमार, कृषि विभाग के छह अधिकारी, छह सुपरवाइजर, भारत सरकार के अधिकारी खेमाराज मीणा, समाजसेवी व व्यापार संघ के अध्यक्ष रघुभाई माली, मोहनलाल माली, हीरालाल, अर्जुन , खेताराम, प्रकाश, जगदीश, मगनलाल, पूर्व सभापति ताराराम माली, जावाल के जनार्दन ओझा आदि मौजूद थे।
जीरे पर ज्यादा मार
किसानों ने इस वक्त जीरे की बुवाई की है जो सबसे नकदी है। जीरे को किसान वैसे भी मौसम की हर मार से बचाकर मुश्किल से रख पाते हैं। ऐसे में एक साथ हुए हमले से किसानों के सामने जीरा चट हो रहा है। टिड्डी ने शहर व आसपास दो दिन से खेतों पर धावा बोला है। दरअसल टिड्डी दल दिन में उड़ते हैं और रात में फसलों पर बैठ जाते हैं। इस कारण किसानों को उन्हें भगाने परेशानी होती है।
पोसालिया. मोरली होते हुए टिड्डी दल अन्दौर की तरफ पहुंचा। गोपाल भाई कुमावत ने बताया कि रविवार अपराह्न बड़ी तादाद में टिड्डी दल ने मोरली क्षेत्र में प्रवेश किया। लोगों ने ढोल-थाली से आवाज कर रोकने के प्रयास किए। मोरली व अन्दौर के बीच फसलों पर धावा बोल दिया। इनके वाण की तरफ जाने की जानकारी मिली है।
अन्दौर.नवाखेड़ा, सरदारपुरा, अन्दौर, रनियाखेड़ा, सगालिया व आसपास के गांवों में टिड्डी दल आने से किसानों ने ढोल-थाली व म्यूजिक बजाकर भगाने की कोशिश की। लाखों की संख्या में टिड्डी होने से फसलों को काफी नुकसान हुआ।
&टिड्डियों को भगाने व नष्ट करने के लिए ऑपरेशन जारी है। लोकेशन पता कर सुबह कार्रवाई की गई। सिरोही से टिड्डियों का दल रविवार सुबह शिवगंज की तरफ निकल गया था। सोमवार को भी ऑपरेशन चलाया जाएगा।
– डॉ. प्रकाश कुमार गुप्ता, उप निदेशक कृषि एवं पदेन परियोजना निदेशक, आत्मा, सिरोही
टिड्डी दल वाण में मंडराने के बाद तलेटा की तरफ गया
शिवगंज. पिछले छह दिनों से जिले में फसलों को नुकसान पहुंचा रहे टिड्डी दलों ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। सिरोही के बाद रविवार को टिड्डियां उपखंड क्षेत्र के वाण गांव के आसमान पर मंडराती रहीं। शाम होने से पहले तलेटा की तरफ रुख कर गईं। ये खेतों में नहीं बैठ जाएं, इसके लिए किसान हर जतन कर रहे हैं। इधर, प्रशासन भी अलर्ट है। इनके बैठते ही स्प्रे करने की तैयारी कर रखी है।
जानकारी के अनुसार सांचौर की तरफ से उड़ कर आई टिड्डियां आबूरोड तथा पिण्डवाड़ा के विभिन्न क्षेत्रों में तांडव मचा चुकी हंै। शनिवार को सिरोही शहर में डेरा डालने के बाद रविवार को वाण गांव तक पहुंच गईं। किसान ढोल, थाली बजाकर तथा धुआं कर टिड्डियों को खेत से दूर रखने का जतन करते देखे गए। जिला परिषद सदस्य कुलदीपसिंह देवड़ा ने बताया कि टिड्डियां तलेटा की तरफ गई है।
Source: Sirohi News