बेकाबू टिड्डियां 66 साल बाद पहुंची सिरोही शहर में, करोड़ों की फसलें चट

सिरोही. पिछले पांच दिनों से जिले में फसलों पर हमला कर रहे बेकाबू टिड्डी दल ने करीब 66 साल बाद शनिवार शाम करीब साढ़े चार बजे शहर में बाहरीघाटा क्षेत्र से प्रवेश किया। जिले में अब तक करोड़ों की फसलें चट कर चुकीं इन टिड्डियों ने सिरोही में करीब तीन किलोमीटर क्षेत्र में पड़ाव डाला है। जानकार बताते हैं कि यह अब सुबह 10 बजे से पहले नहीं उड़ेंगी। यानी सुबह तक एक जगह पर पड़ाव रहेगा।
कृषि विभाग के अधिकारी दावा कर रहे हैं कि रात में ही टिड्डी दल के खात्मे के लिए ऑपरेशन शुरू कर सुबह दस बजे तक अधिक मात्रा में नष्ट कर देंगे। वैसे सिरोही में पहली बार साल 1954 में टिड्डी दल ने हमला किया था। इसके बाद अब देखी गई हैं। इधर, कलक्टर सुरेन्द्रकुमार सोलंकी का कहना है कि इन टिड्डियों का दो दिन में पूरी तरह से सफाया कर दिया जाएगा।
शहर में टिड्डी दल उड़ता देखा तो आसपास के खेतों में लोग ढोल-थाली बजाने लगे। कई स्थानों पर पटाखे छोड़े गए। कुछ जगह पर धुआं तक किया गया। टांकरिया मोहल्ला तो एक बारगी पूरा टिड्डी से घिर गया। करोड़ों की संख्या में इन टिड्डियों को सरूपविलास, ट्रांसपोर्ट नगर के सामने, गोपाल सागर से कालका तालाब तक, अर्बुदा गोशाला क्षेत्र तक टिड्डियों का पड़ाव देखा गया। उधर, शहर में टिड्डी दल प्रवेश करने पर रघुभाई माली ने नागरिक सुरक्षा के गोताखोर मुकेश राणा, मनोज, क्षेत्रपाल राणा, अशोक राणा, गोपाल, चौथाराम राणा को सूचना दी। उन्होंने कालका तालाब सहित आसपास के क्षेत्र में धुआं कर व ढोल बजाकर टिड्डी दल को भगवाने में सहयोग किया।

पिण्डवाड़ा में किसान चिंतित
जिले के पिण्डवाड़ा तथा सिरोही से सटे गांवों में भी किसान टिड्डी के हमले से परेशान हैं। मोरस, मुरी, सिवेरा में फसल खराब होने से किसान चिंतित हंै। हालांकि प्रशासनिक व समाजसेवियों के अथक प्रयास से यहां कीटनाशकों का छिड़काव कर टिड्डी नियंत्रण की कोशिश भी की जा रही है। हालांकि यह दल अब राजपुरा तथा मोरी वाले क्षेत्र में ही अधिक दिखाई दिया। राजपुरा में कृषि वैज्ञानिक डॉ. प्रकाश गुप्ता, सरपंच, ग्रामीण मौजूद रहे। कृषि अधिकारी डॉ. प्रकाश गुप्ता ने बताया कि शाम होते ही टिड्डी दल एक स्थान पर बैठ जाता है, सवेरे धूप निकलते ही एक साथ उड़ान भरता है। ऐसे में जहां मौका मिला वहां की फसल चौपट हो रही है।

कलक्टर पहुंचे राजपुरा
टिड्डी दल के राजपुरा, जूना सानवाड़ा में आने के बाद जिला कलक्टर भी मौके पर पहुंचे। यहां कार्य कर रहे ग्रामीण तथा समाजसेवियों के नियंत्रण के प्रयास की सराहना की। किसानों की चिंता देखकर व्यापार महासंघ अध्यक्ष रघुभाई माली व अन्य लोग शुक्रवार सवेरे छह बजे प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचे। रात करीब नौ बजे तक नियंत्रण के प्रयास किए। शनिवार सवेरे छह बजे फिर सभी दलबल के साथ राजपुरा पहुंचे। खेतों में भ्रमण कर रहे हजारों टिड्डों का सफाया किया गया।

किसानों को ऐसे पहुंचा रहीं नुकसान
टिड्डी हल्की होने के कारण हवा की रफ्तार से बढ़ती हंै। फिर समूह के रूप में खेतों में डेरा डाल कर नमी वाले क्षेत्रों में अंडे देती हैं। अभी खेतों में सिंचाई को समय है। इसलिए इन्हें नमी मिल रही है। इससे तेजी से इनकी संख्या बढ़ रही है। यहां टिड्डी ने पकने को आई सरसों की फसल को ज्यादा नुकसान किया गया। मूरी गांव के पास फसल टिड्डी के भार से झुक गई है। कई स्थानों पर मक्का, अरंडी को भी नुकसान किया गया।टिड्डी दल प्रभावित अधिकतर गांवों में धुआं उठता दिखाई दे रहा है।

जगह-जगह बने सेल्फी प्वॉइंट
जैसे ही टिड्डी दल ने शहर में प्रवेश किया उसी समय कई लोगों को जगह जगह पर सेल्फी लेते देखा गया। यहां तक कि मकानों की छत से भी लोग फोटो लेकर सोशल मीडिया पर अपलोड करते नजर आए।

टिड्डी से ढकी टेकरी
टांकरिया से दल आगे बढ़ा तो आशापुरा टेकरी पर काफी मात्रा में थोर, बबूल तथा चट्टान पर बैठा नजर आया। एक बार तो बबूल की एक पत्ती तक नहीं दिखाई दे रही थी।

सिरोही शहर में कालका तालाब और बाहरी घाटे की पहाड़ी की तरफ टिड्डियों ने पड़ाव डाला है। टिड्डी के खात्मे के लिए हम रात में ही ऑपरेशन शुरू करेंगे। हमारे पास पर्याप्त स्प्रे और दवाई हैं। यह सही है कि टिड्डियों की संख्या करोड़ों में है। फिर भी हमने दो दिन में पचास फीसदी टिड्डियों का खात्मा किया है। अगले दो दिन में बाकी भी खत्म कर देंगे।
-सुरेन्द्रकुमार सोलंकी, कलक्टर, सिरोही

हमने टिड्डी के खात्मे की पूरी तैयारी कर ली है और मुस्तैदी के साथ इस काम में लगे हुए हैं। सुबह दस बजे तक अच्छा परिणाम मिल जाएगा। वैसे एक-दो दिन में टिड्डी दल को नष्ट कर देंगे। टिड्डी को खत्म करने के बाद आपको बुलाकर दिखाएंगे।
-डॉ. प्रकाश गुप्ता, उप निदेशक कृषि एवं पदेन परियोजना निदेशक, आत्मा सिरोही



Source: Sirohi News