11 साल से 1 ही सवाल… लोटाना में 'निर्भया के हत्यारे कौन?

सिरोही. सरूपगंज क्षेत्र के लोटाना गांव में करीब 11 साल पहले 6 दिसम्बर 2008 को सहेलियों के साथ चार किलोमीटर ऊंचे सरोया पहाड़ के जंगल में लकडिय़ां लेने गई चौदह वर्षीय नाबालिग की गैंग रेप के बाद गला दबा कर हत्या का मामला आज भी पहेली बन कर रह गया है। यह भी इत्तेफाक है कि इस घटना के ठीक ग्यारह साल बाद 6 दिसम्बर को ही हैदराबाद मामले में पुलिस ने एनकाउंटर में अपराधियों के मारे जाने पर पीडि़ता के परिजनों ने स्वागत करते हुए इसे ‘न्यायÓ होने की बात कही है। वहीं सिरोही के मामले में पुलिस 11 साल से आरोपियों को ढंूढ तक नहीं पाई है। जनता के मन में सालों से यह सवाल उठ रहा है कि यहां इस ‘निर्भयाÓ हत्यारा कौन? जिस पुलिस से न्याय की उम्मीद थी वह इतनी फेल कैसे हो गई? आरोपियों को पकडऩा तो दूर, उनकी पहचान तक क्यों नहीं कर पाई? ऐसे में यहां ‘निर्भयाÓ को इंसाफ कैसे मिलेगा?
परिजन व गांव के लोग जघन्य कृत्य करने वाले आरोपियों का पता नहीं लगने व सजा नहीं मिलने से निराश हो गए हैं। उनका कहना है कि वे और कितना सब्र करें? हमें कौन दिलाएगा न्याय का भरोसा? पुलिस भी कुछ दिन जांच के बाद मामला ठंडे बस्ते में डाल चुकी है। आरोपियों का पता नहीं चलने से मृतका की लोकाई भी नहीं कर पा रहे हैं।

आरोपियों का पता नहीं लगा तो एफआर दे दी!
पुलिस की ओर से 2008 में गैंग रेप व हत्या का मामला सामने आने पर जांच शुरू की गई लेकिन जांच इतनी लचर रही कि पुलिस आरोपियों तक की पहचान नहीं कर पाई। दो साल तक जांच के नाम पर फाइल खुलती रही लेकिन हाथ कोई नहीं लगा। फिर पुलिस ने मुलजिमों को अदम पता बताते हुए 2010 में एफआर दे दी।

यह थी घटना…
लोटाना के सरतानेश्वर महादेव मंदिर के पास स्थित रायदरा फली की नाबालिग सुबह साढ़े नौ बजे तीन सहेलियों के साथ सरोया पहाड़ की चोटी पर स्थित ‘अरणुआ वाला खाड़ाÓ नामक स्थान पर लकडिय़ां एकत्र कर रही थी। इस दरम्यान चार-पांच युवक पहाड़ के दूसरे छोर से आए। उनमें से एक कुल्हाड़ी लेकर इनके पीछे भागा। तीन लड़कियां तो भाग गई़। लड़कों ने एक नाबालिग को पकड़ लिया। तीनों लड़कियों ने पहाड़ से उतर कर किशोरी की मां यह वाकया सुनाया। मां गांव के कुछ लोगों को लेकर पुन: पहाड़ पर गई तो वहां देखा कि उसकी बेटी मृत पड़ी हुई थी। आरोपी बलात्कार व हत्या कर फरार हो गए थे। यह देख मां का कलेजा फट गया। वह दहाड़े मारकर रोने लगी। जैसे-तैसे मां ने इस घटना की जानकारी बिरादरी के लोगों को दी। सूचना मिलने पर तत्कालीन थानाप्रभारी सांगसिंह इंदा मौके पर पहुंचे। तत्कालीन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भंवरसिंह मीणा ने भी मौका मुआयना किया।

यह हुई थी कार्रवाई
नाबालिग के शव का मौके पर ही पोस्टमार्टम करवाया गया। उसके साथ लकडिय़ां लेने गई लड़कियों के बताए हुलिए के आधार पर पुलिस ने टीम गठित कर आरोपियों की तलाश शुरू की। आरोपियों की तलाश के लिए डॉग स्क्वॉयड टीना भी मौके पर पहुंची थी। देर शाम पहुंची टीना घटनास्थल से सरतानेश्वर महादेव मंदिर की ओर पहाड़ी मार्ग पर गई। टीना के हैण्डलर गिरवरदान चारण ने उस समय बताया था कि मार्ग में कुछ फुट प्रिण्ट मिले हैं। उस दिन अंधेरा होने तथा पहाड़ी मार्ग के कारण आगे टीना की मदद नहीं ले सके। एफएसएल की टीम ने दूसरे दिन सुबह घटनास्थल की जांच कर नमूने उठाए थे। पर नतीजा ढाक के वही तीन पात रहा।

मामले की गुत्थी सुलझाने में पुलिस नाकाम रही है। कुछ सालों से पुलिस ने इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। इस घटना का राजफाश नहीं होने से ग्रामीण क्षेत्र में आज भी महिलाओं और किशोरियों में भय व असुरक्षा का वातावरण है।
– रतनलाल गरासिया, पूर्व सरपंच, लोटाना

मामले की जांच करवाता हूं…
ऐसा कोई मामला है तो गंभीर बात है। मामला पुराना है लेकिन आरोपियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा। पता करके मामले की जांच करवाता हूं।
-कल्याणमल मीना, पुलिस अधीक्षक, सिरोही



Source: Sirohi News